अजमेर एवं जोधपुर डिस्कॉम को भी डिफेक्टिव मीटर मुक्त करने की कार्य योजना बनाएं -ऊर्जा मंत्री
जयपुर। जयपुर डिस्कॉम के 8 सर्किलों में अब सभी खराब मीटर बदल दिए गए हैं। जुलाई माह में दौसा, जयपुर जिला वृत्त-(उत्तर) तथा झालावाड़ सर्किल को डिफेक्टिव मीटर मुक्त करने के बाद जयपुर डिस्कॉम ने अगस्त माह में जयपुर नगर वृत्त-उत्तर एवं दक्षिण, कोटा, बून्दी तथा बारां सर्किल को भी जीरो डिफेक्टिव मीटर सर्किल करने में कामयाबी हासिल की है। इसी प्रकार कोटा जोन, प्रदेश के तीनों विद्युत वितरण निगमों में पहला जोन बन गया है जिसके, सभी सर्किल डिफेक्टिव मीटर मुक्त कर दिए गए हैं।
ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हीरालाल नागर ने अगस्त माह में शून्य डिफेक्टिव मीटर की उपलब्धि हासिल करने वाले कोटा जोन के मुख्य अभियन्ता तथा सभी पांचों सर्किल अधीक्षण अभियन्ताओं को बुधवार को विद्युत भवन में प्रमाण पत्र सौंप कर उन्हें बधाई दी। चेयरमैन डिस्कॉम्स सु आरती डोगरा भी इस अवसर पर मौजूद थीं।
नागर ने इस महत्वपूर्ण कामयाबी पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि जयपुर विद्युत वितरण निगम के शेष 10 सर्किलों को भी डिफेक्टिव मीटर मुक्त करने के प्रयास किए जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि अजमेर एवं जोधपुर विद्युत वितरण निगमों को भी डिफेक्टिव मीटर मुक्त बनाने की दिशा में कार्य योजना बनाई जाए।
बदले 72 हजार से अधिक खराब मीटर—
इस दौरान चेयरमैन डिस्कॉम्स आरती डोगरा ने बताया कि विद्युत मीटर के लम्बे समय तक खराब रहने के कारण निगम को बिलिंग और राजस्व की आर्थिक हानि होती है। इस समस्या के निराकरण के लिए जयपुर डिस्कॉम को डिफेक्टिव मीटर मुक्त करने की कार्य योजना तैयार की गई। इसके तहत इन पांचों सर्किलों में 1 अप्रेल 2024 से 31 जुलाई 2025 तक 72979 खराब मीटर बदले गए हैं। इनमें जयपुर नगर वृत्त-उत्तर में सर्वाधिक 28300, जयपुर नगर वृत्त-दक्षिण में 23018, कोटा वृत्त में 12489, बून्दी वृत्त में 6939 तथा बारां सर्किल में 2233 खराब मीटर बदले गए हैं। इससे पहले जुलाई माह में दौसा वृत्त ने 1 जुलाई 2024 से 30 जून 2025 तक 9 हजार 139, जेपीडीसी नॉर्थ ने इस वर्ष 1 जनवरी से 30 जून तक 17 हजार 885 तथा झालावाड़ सर्किल ने इस वर्ष 1 जनवरी से 30 जून तक विभिन्न श्रेणियों में 1585 खराब मीटर बदलकर डिफेक्टिव मीटरों की संख्या शून्य करने में सफलता प्राप्त की है।
डिफेक्टिव मीटर से निगम के राजस्व पर पड़ता है विपरीत असर—
उल्लेखनीय है कि मीटर के डिफेक्टिव रहने का विपरीत असर डिस्कॉम के राजस्व पर पड़ता है। यदि मीटर 2 माह से अधिक समय तक डिफेक्टिव रहता है तो निगम को विद्युत शुल्क का 5 प्रतिशत छूट उपभोक्ता को प्रदान करनी होती है। साथ ही, मीटर खराब होने से औसत उपभोग के आधार पर विद्युत बिल जारी करना पड़ता है। यदि वास्तविक उपभोग औसत से कम रहता है तो उपभोक्ताओं की शिकायतें बढ़ती हैं और वास्तविक उपभोग अधिक होने पर निगम को आर्थिक हानि होती है। साथ ही, वास्तविक उपभोग से बिलिंग नहीं होने के कारण संबंधित सब डिविजन अथवा फीडर की वितरण हानि का आंकलन भी संभव नहीं हो पाता।जयपुर डिस्कॉम में विभिन्न समीक्षा बैठकों में अधीक्षण अभियंताओं को सर्किल्स में खराब मीटरों की लम्बित सूची को समाप्त करने के निर्देश दिए गए हैं। डिफेक्टिव मीटर के कारण राजस्व वसूली पर होने वाले विपरीत असर पर चिंता व्यक्त करते हुए यह कहा गया है कि किसी भी सर्किल में डिफेक्टिव मीटर के प्रकरण दो माह से अधिक समय तक लम्बित ना रहें। सामूहिक प्रयासों का सकारात्मक परिणाम शुुरूआती रूप में इन आठ सर्किलों में देखने में आया है। कोटा जोनल मुख्य अभियन्ता गजेन्द्र सिंह बैरवा, जयपुर नगर वृत्त-उत्तर अधीक्षण अभियन्ता अशोक रावत, नगर वृत्त-दक्षिण अधीक्षण अभियन्ता अनिल टोडवाल, कोटा अधीक्षण अभियन्ता एस.सी जांगिड़, बून्दी अधीक्षण अभियन्ता की ओर से आर.के बैरवा तथा बारां के अधीक्षण अभियन्ता एन.एम बिलोटिया ने यह प्रमाण पत्र प्राप्त किए।