मुंबई. बोस्टन स्थित फंड मैनेजर नचिकेता सावरीकर, जो यूएस$ 100 मिलियन के अर्थ भारत ग्लोबल मल्टीप्लायर फंड का संचालन करते हैं, ने अमेरिकी फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) की ताज़ा घोषणा पर अपने विचार साझा किए। यह फंड अर्थ भारत इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स IFSC LLP के तहत प्रबंधित होता है, जो गिफ्ट सिटी से संचालित भारत की सबसे बड़ी फंड मैनेजमेंट इकाइयों में से एक है और तीन फंड्स के ज़रिए कुल 750 मिलियन डॉलर का प्रबंधन करता है।
सावरीकर ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने फेडरल फंड्स रेट को 4.375% से घटाकर 4.125% कर दिया है और 2025 में दो और कटौतियों का संकेत दिया है। इससे वर्ष के अंत तक यह दर 3.625% तक आ सकती है, जो न्यूट्रल रेट 3.25% से थोड़ी ऊपर रहेगी। उन्होंने बताया कि ऐतिहासिक रूप से ब्याज दरों में कटौती से पूंजी सुरक्षित साधनों से निकलकर जोखिम भरे निवेश जैसे इक्विटी, प्राइवेट इक्विटी, वेंचर कैपिटल और उभरते बाजारों की ओर बढ़ती है। ऐसे में 2025 और 2026 की दरों में कटौती से जोखिम भरे निवेशों का मूल्य बढ़ने की संभावना है।
भारत के संदर्भ में उन्होंने कहा कि चौथी तिमाही (Q4) में वैश्विक एसेट मैनेजर्स के आवंटन तय करते समय भारत में पूंजी प्रवाह मज़बूत होगा। यह उस समय हो रहा है जब भारतीय अर्थव्यवस्था डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा भारतीय निर्यात पर 50% टैरिफ जैसे दबावों के बावजूद लचीली और मज़बूत बनी हुई है। इस प्रकार भारत को वैश्विक तरलता और मज़बूत घरेलू बुनियाद—दोनों से लाभ मिलेगा।