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राईजिंग राजस्थान पर्यटन सेक्टर एमओयूज एक्सेलरेटिंग ग्राउंड ब्रेकिंग निवेशक संवाद

पर्यटन, उ‌द्योग ही नहीं बल्कि राजस्थान के आर्थिक विकास एवं रोजगार सृजन की धुरी—प्रमुख शासन सचिव, पर्यटन

जयपुर। प्रमुख शासन सचिव पर्यटन कला एवं संस्कृति एवं अध्यक्ष आरटीडीसी राजेश यादव, पर्यटन आयुक्त रुक्मणि रियाड़, नगरीय विकास, राजस्व, स्थानीय स्वायत्त शासन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में बुधवार को होटल गणगौर में राईजिंग राजस्थान पर्यटन सेक्टर एमओयूज एक्सेलरेटिंग ग्राउंड ब्रेकिंग निवेशक संवाद आयोजन किया गया। 79 एमओयू होल्डर्स की उपस्थिति में राईजिंग राजस्थान में हुए एमओयू को धरातल पर उतारने के लिए निवेशकों के लंबित विषय जैसे भूमि आवंटन, भूमि रूपांतरण, भवन स्वीकृति योजनाओं या अन्य मुद्दों को शीघ्रता से निस्तारण करने हेतु चर्चा की गई। इसके साथ ही टूरिज्म फाइनेंस कॉर्पोरेशन आॅफ इंडिया लिमिटेड के प्रतिनिधि द्वारा होटल निर्माण की ऋण आवश्यकताओं के संबंध में जानकारी दी गई।

 

 

यादव ने निवेशकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि पर्यटन, उ‌द्योग ही नहीं बल्कि राजस्थान के आर्थिक विकास एवं रोजगार सृजन की धुरी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आगामी 11-12 दिसंबर में आयोजित किए जाने वाले राइजिंग राजस्थान पार्टनरशिप कॉन्क्लेव एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस कॉन्क्लेव में पर्यटन परियोजनाओं की प्रगति को प्रदर्शित किया जाएगा जिससे निवेशकों, ऑपरेटरों तथा वैश्विक भागीदारों से जुड़ने का अवसर मिलेगा।

 

मुख्यमंत्री के स्तर पर एमओयू परियोजनाओं की निगरानी एवं समीक्षा

प्रमुख शासन सचिव ने बताया कि राज्य सरकार ने इन परियोजनाओं की नियमित निगरानी और क्रियान्वयन के लिए बहुस्तरीय प्रणाली लागू की है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के स्तर पर प्रति माह एवं मुख्य सचिव द्वारा हर 15 दिन में एमओयू परियोजनाओं की समीक्षा की जा रही है।

उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग में एक विशेष ‘एमओयू फैसिलिटेशन सेल’ गठित की गई है, जिसकी साप्ताहिक निगरानी प्रमुख शासन सचिव एवं आयुक्त के स्तर से की जा रही है। मुख्यालय स्तर पर प्रत्येक वरिष्ठ अधिकारी को कुछ जिलों की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है ताकि ज़मीनी स्तर पर एमओयू का क्रियान्वयन हो सके। वहीं भूमि आवंटन व रूपांतरण संबंधी विषयों पर यूडीएच, एलएसजी और राजस्व विभागों से आरटीयूपी-2024 की अधिसूचना जारी करने तथा भूमि नीति सार्वजनिक करने का अनुरोध किया गया है।

 

पर्यटन आयुक्त​ रूकमणि रियाड़ ने इस अवसर पर कहा कि ‘राइजिंग राजस्थान’ के अंतर्गत पर्यटन क्षेत्र में अब तक लगभग 1600 निवेश समझौते किए जा चुके हैं। इनमें होटल, रिसॉर्ट, हेरिटेज प्रॉपर्टीज, वेलनेस सेंटर, ईको टूरिज्म और अन्य नवाचार आधारित परियोजनाएं शामिल हैं। जिनमें कुल ₹1.37 लाख करोड़ का निवेश एवं एक लाख नब्बे हजार व्यक्तियों को रोजगार संभावित है। इनमें से 29 परियोजनाएं पूरी तरह से चालू हो चुकी हैं, जबकि 213 परियोजनाओं के ग्राउन्ड ब्रेकिंग पूरे किए जा चुके हैं, जिनमें कुल 28 हजार 200 करोड़ का निवेश और 13500 व्यक्तियों को रोजगार प्रस्तावित है।

 

चुनौतियों को अवसर में बदलने की पहल

पर्यटन आयुक्त​ रूकमणि रियाड़ ने कहा कि समस्याओं के समाधान के लिए यह संवाद सत्र आयोजित किया गया है, जिसमें यूडीएच, राजस्व और एलएसजी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहें। टूरिज्म फाइनेंस कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के प्रतिनिधियों को दिल्ली से आमंत्रित किया गया है ताकि ऋण संबंधी आवश्यकताओं पर इनसे चर्चा की जा सके। साथ ही, सभी जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया गया है कि वे आगामी महीनों में अपने-अपने जिलों में एमओयू समीक्षा बैठकें आयोजित करें ताकि स्थानीय स्तर पर समाधान हो सके।

 

राजस्थान में पर्यटन क्षेत्र में बढ़ती संभावनाओं पर प्रस्तुतिकरण

अतिरिक्त निदेशक पर्यटन पवन कुमार जैन ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से बताया कि राज्य सरकार द्वारा हाल ही में पर्यटन इकाई नीति 2024 लागू की है। जिसमें निवेशकों के प्रोत्साहन के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही सरकार दो नई नीतियां लेकर आ रही है। पहली राजस्थान फिल्म पर्यटन प्रोत्साहन नीति, जिससे राजस्थान को एक वैश्विक फिल्म शूटिंग हब बनाया जा सकेगा। दूसरी नई समग्र पर्यटन नीति जो पर्यटन अवसंरचना, रोजगार सृजन और अनुभव आधारित पर्यटन को बढ़ावा देगी। उन्होंने कहा कि डेस्टिनेशन वेडिंग से फिल्म शूटिंग तक राजस्थान में पर्यटन क्षेत्र में अपार संभावनाएं है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में अब डेस्टिनेशन वेडिंग्स, अंतरराष्ट्रीय आयोजनों और फिल्म शूटिंग्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जिससे यह क्षेत्र निवेश के लिए और अधिक आकर्षक बन गया है।

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