New delhi. समुद्र की सतह पर उगने वाला छोटा-सा पौधा समुद्री शैवाल (Seaweed) अब भारत में हरित ऊर्जा क्रांति का एक मजबूत आधार बनने जा रहा है। भारत के समुद्री क्षेत्र में अनुकूल भौगोलिक परिस्थितियों के कारण समुद्री शैवाल की खेती की अपार संभावनाएं हैं, जिससे भविष्य में स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा उत्पादन को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में जैव ऊर्जा के क्षेत्र में एक बड़ी ऐतिहासिक पहल करते हुए हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) ने बैंगलोर में एक अत्याधुनिक Hydrothermal Liquefaction (HTL) पायलट प्लांट की स्थापना की है। इस तकनीक के माध्यम से समुद्री शैवाल को सीधे जैव ईंधन (Biofuel) में बदला जाएगा, जो पेट्रोल और डीज़ल का एक पर्यावरण अनुकूल विकल्प बन सकता है।
यह सुविधा भारत के जैव ऊर्जा अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर मानी जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे न केवल देश की ऊर्जा आत्मनिर्भरता को मजबूती मिलेगी, बल्कि कार्बन उत्सर्जन में भी बड़ी कमी आएगी और ग्रामीण व तटीय क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
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