Jaipur. सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के बाद अरावली पहाड़ियों को लेकर देशभर में बहस तेज हो गई है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि 100 मीटर से कम ऊंचाई वाली पहाड़ियों को स्वतः ही ‘वन क्षेत्र’ नहीं माना जा सकता। इस व्याख्या को लेकर पर्यावरण से जुड़े संगठनों और विशेषज्ञों ने गहरी चिंता जताई है।
फैसले के बाद कई शहरों में लोग सड़कों पर उतर आए हैं। पर्यावरणविदों का कहना है कि इस आदेश से अरावली क्षेत्र में खनन, निर्माण और अतिक्रमण को बढ़ावा मिल सकता है, जिससे पहले से ही कमजोर हो चुकी अरावली पर्वत श्रृंखला को भारी नुकसान पहुंचेगा।
विरोध का असर सोशल मीडिया पर भी साफ दिख रहा है, जहां #SaveAravalli ट्रेंड कर रहा है। लोग अरावली को देश की प्राकृतिक ढाल बताते हुए सरकार और प्रशासन से इसके संरक्षण के लिए सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।
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