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नोटबंदी के बाद दूसरा सबसे बड़ा कदम, सरकार गोल्ड में काला धन लगाने वालों की कसेगी नकेल

जयपुर। काले धन से गोल्ड खरीदने वाले सावधान हो जाएं। सरकार नोटबंदी के बाद दूसरा सबसे बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है जिसके तहत एमनेस्टी स्कीम के तर्ज पर गोल्ड के लिए खास स्कीम आ सकती है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार गोल्ड में काला धन लगाने वालों पर नकेल कसने की तैयारी में है। ये काले धन के मोर्चे पर नोटबंदी के बाद सरकार का दूसरा बड़ा कदम होगा। इसके लिए इनकम टैक्स की एमनेस्टी स्कीम के तर्ज पर गोल्ड के लिए खास एमनेस्टी स्कीम लाई जा सकती है। इस स्कीम के तहत एक तय मात्रा से ज्यादा बगैर रसीद वाले गोल्ड होने पर उसकी जानकारी देनी होगी और गोल्ड की कीमत सरकार को बतानी होगी।

गोल्ड की कीमत तय करने के लिए वैल्यूएशन सेंटर से लेना होगा  सर्टिफिकेट

सूत्रों के मुताबिक इस एमनेस्टी स्कीम के तहत गोल्ड की कीमत तय करने के लिए वैल्यूएशन सेंटर से सर्टिफिकेट लेना होगा। बगैर रसीद वाले जितने गोल्ड का खुलासा होगा उस पर एक तय मात्रा में टैक्स देना होगा। ये स्कीम एक खास समय सीमा के लिए ही खोली जाएगी। स्कीम खत्म होने के बाद तय मात्रा से ज्यादा गोल्ड पाए जाने पर भारी जुर्माना देना होगा। मंदिर और ट्रस्ट के पास पड़े गोल्ड को भी प्रोडक्टिव इन्वेस्टमेंट के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए खास एलान हो सकते हैं।

इकोनॉमिक अफेयर्स विभाग और राजस्व विभाग ने स्कीम का तैयार किया मसौदा

सूत्रों के मुताबिक के मुताबिक वित्त मंत्रालय के इकोनॉमिक अफेयर्स विभाग और राजस्व विभाग ने मिलकर इस स्कीम का मसौदा तैयार किया है। वित्त मंत्रालय ने अपना प्रस्ताव कैबिनेट के पास भेजा है। जल्द कैबिनेट से इसको मंजूरी मिल सकती है। अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में ही कैबिनेट में इस पर चर्चा होनी थी। महाराष्ट्र और हरियाणा के राज्य चुनाव की वजह से आखिर समय पर फैसला टाला गया।

सोवरन गोल्ड बॉन्ड स्कीम को आकर्षक बनाने के लिए अहम बदलाव

सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक एमनेस्टी स्कीम के साथ-साथ गोल्ड को एसेट क्लास के तौर पर बढ़ावा देने के भी एलान हो सकते हैं। इसके लिए सोवरन गोल्ड बॉन्ड स्कीम को आकर्षक बनाने के लिए अहम बदलाव किए जा सकते हैं। सोवरन गोल्ड बॉन्ड सर्टिफिकेट को मोर्टगेज करने का भी विकल्प भी दिया जा सकता है और गोल्ड बोर्ड बनाने का ऐलान किया जा सकता है। सरकार की गोल्ड को प्रोडक्टिव इनवेस्टमेंट के तौर पर विकसित करने की मंशा है इसके लिए आईआईएम के प्रोफेसर की सिफारिश के आधार पर मसौदा तैयार किया गया है।

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