जयपुर। डोल का बाढ़ वन क्षेत्र को बचाने के लिए संघर्ष समिति द्वारा लगातार शांतिपूर्ण प्रयास किए गए हैं। हमने प्रतीक्षा की। हमने संवाद की कोशिश की।हमने निवेदन किए। सरकार की ओर से कोई उत्तर नहीं आया।
हमने डोल का बाढ़ को संरक्षित करने हेतु बायोडायवर्सिटी पार्क का विस्तृत और व्यवहारिक वैकल्पिक प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया। इसपर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई। इसके विपरीत, हमें केवल पुलिस दमन का सामना करना पड़ा। अब तक 150 से अधिक पेड़ हमारी आंखों के सामने बेरहमी से काटे जा चुके हैं।
सेव डोल का बाढ़ संघर्ष समिति के शौर्य ने बताया कि हम बीते 15 दिनों से शांतिपूर्ण धरने पर बैठे हैं, लेकिन अब तक किसी भी सरकारी प्रतिनिधि ने संवाद नहीं किया। अब और प्रतीक्षा नहीं की जा सकती। अब हमारे पास आमरण अनशन के अतिरिक्त कोई रास्ता नहीं बचा है।
हम सरकार को एक सप्ताह का अंतिम समय दे रहे हैं। यदि इस अवधि में सरकार ने संवाद नहीं किया, तो रविवार, 13 जुलाई 2025 को प्रातः 8 बजे से सेव डोल का बाढ़ संघर्ष समिति आमरण अनशन (Fast until death) प्रारंभ करेगी।
सेव डोल का बाढ़ संघर्ष समिति के आशुतोष ने बताया कि यह कदम पूर्णतः संवैधानिक, शांतिपूर्ण और नैतिक होगा। हम अपने पर्यावरण, जैवविविधता, और लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए संकल्पबद्ध हैं। हम नागरिक समाज, मीडिया, पर्यावरणविदों और आम जनता से अपील करते हैं कि वे इस निर्णायक संघर्ष में हमारे साथ खड़े हों।