मामला: रेजिडेंटस के बीच चल रही टेनिस कोर्ट को क्रिकेट पिच बनाने की लडाई, मामले में कोर्ट पहुंचे टेनिस खिलाडी, टेनिस और क्रिकेट खेलने वालों में मची ग्राउंड को हथियाने की होड
जयपुर. आज के बाद अगर आप किसी बिल्डर की आवासीय योजना में घर खरीदें, तो यह न समझे कि वहां जो एमेनिटीज आपको बताई जा रही हैंं, वे स्थायी हैं, क्योंकि उन्हें बिल्डर कभी भी बदल सकता है। ज्यादातर ये मामले उन बडें प्रोजेक्टस में सामने आते हैं, जहां बिल्डर फेज वाइज निर्माण करता है और लम्बे समय तक प्रोजेक्ट पर होल्ड रखता है। हाल ही में सांगानेर स्थित मंगलम ग्रुप के आनंदा प्रोजेक्ट में, वहां कि फैसिलिटी मैनेजमेंट कंपनी हारमनी प्राइवेट लि. ने दो दिन पहले ही टेनिस कोर्ट का नाम बदलकर मल्टीपर्पज स्पोर्ट एरिया कर दिया है। इससे टेनिस खेलने वाले लोगों को रोज विरोध का सामना करना पड रहा है।
दरअसल बिल्डर दिवाली से पहले हमेशा अपने फलैट बेचने के लिए प्रोजेक्ट में डांडिया, रामलीला, रावण दहन जैसे कार्यक्रमों को सपोर्ट कर ग्राहकों को प्रोजेक्ट विजिट कराते हैं और दिखाते हैं, कि यहां लोग कितने सदभाव से रह रहे हैं। जबकि होता इसके बिलकुल उलट है, पहले भी आनंदा में यहां के रेजिडेंटस ने बढती मेंटेनेंस और जर्जर होती बिल्डिंगों के रखरखाव की मांग उठाने के लिए अपने घरों पर बैनर लगा दिए थे, जिसके बाद बिल्डर ने मामले को सुलझाया।
क्या है मामला
सोसायटी में आनंदा प्रीमियर लीग के नाम से एक टूर्नामेंट पिछले तीन—चार सालों से खेला जा रहा है, जिसे यूटयूब और इंस्टा पर रील बनाकर डाला जाता है, ये मार्केटिंग के लिए किया जा रहा है, दरअसल यहां के क्रिकेट खेलने वाले कई लोग बिल्डर के यहां जॉबवर्क भी करते हैं, साथ ही बिल्डर स्थानीय रेजिडेंट को नई यूनिट बिकवाने के लिए अच्छा खासा कमीशन भी देता है। ये टूर्नामेंट साल में तीन बार आयोजित किया जाता है, जो रात 9 बजे से 12 बजे तक सोसायटी परिसर के टेनिस हार्ड कोर्ट पर खेला जाता है, इसे पहले भी कई बार रात को पुलिस ने आकर बंद करवाया है, लेकिन गेटेड सोसायटी होने के चलते पुलिस का दखल भी सीमित है।
मार्स के सदस्य कोर्ट पहुचें और जल्द करा सकते हैं एफआईआर
दरसअल इस सोसायटी में सुविधाओं के लेकर चल रही लडाई में यहां की आरडब्लूए के गलत तरीके से हो रहे चुनाव को भी रोकते हुए स्टे दे दिया है। सोचों शहर कि सबसे बडी सोसायटी बिना आरडब्लूए के चल रही है, यहां रोजना लडाई झगडे की स्थिति बन जाती है। लोग यहां की एमेनिटी का रात—रात भर उपयोग कर रहे हैं, यहां स्वीमिंग पूल, टेनिस कोर्ट, बडे बडे गार्डन, क्लब हाउस में 8 कमरों का गेस्ट हाउस आदि हैं।
आरडब्लूए के बाद मार्स का गठन
जब कोर्ट ने आरडब्लूए के चुनाव पर स्टे लगा दिया, तो यहां के जागरूक लोगों ने एक संगठन भी बनाया है, जिसका नाम मंगलम आनंदा रेजिडेंशियल सोसायटी। मार्स नाम के इस संगठन के प्रतिनिधि अजय चुग, मनीषा सुराणा, श्रेयांस, अर्चना नरूका, टीना सुराना, अरविंद माथुर आदि ने इस मामले की निंदा की है और हारमनी को गलत ठहराया है।
टेनिस कोर्ट को अचानक बना दिया मल्टीपर्पज क्षेत्र
बिल्डर की फैसिलिटी मैनेजमेंट कंपनी हारमनी की मनमानी इतनी बढ गई है कि वो यहां के कुछ लोगों के प्रभाव में आकर रातो—रातों एमेनिटीज के बार्ड बदल दे रहे हैं, जबकि दिवाली से पूर्व बिल्डर आज भी मंगलम आनंदा के ग्रैंड फेज के दिए जा रहे ऐड में उसे टेनिस कोर्ट ही लिख रहा है।
कनक्लूजन
आम नागरिक से अपील है, कि जब आप किसी बिल्डर चाहे वह मंगलम हो या महिमा, यूनिक हो या मोजिका, एआरजी हो या आशियाना, फलैट लेने जाए तो ये सवाल जरूर करें, किया जो आप कॉमन एरिया के नाम पर सुविधा दे रहे है, उन सुविधाओं को बदल तो नहीं दिया जाएगा। कुछ रेजीडेंट के प्रभाव में आकर इस तरह की हरकत करना बिल्डर की मार्केटिंग रणनीति तो नहीं हो सकती।
					
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