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देवस्थान मंत्री की अध्यक्षता में देवस्थान विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित

जयपुर। देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत (Minister of Devasthan Joraram Kumawat) की अध्यक्षता में देवस्थान विभाग की समीक्षा बैठक शुक्रवार को शासन सचिवालय में आयोजित हुई। बैठक में देवस्थान विभाग की वर्ष 2024-25 की बजट घोषणाओं की क्रियान्विति तथा वर्ष 2025-26 के बजट घोषणा पर विस्तार से चर्चा हुई।

 

मंत्री कुमावत ने विभाग के अधिकारियों को बजट में स्वीकृत योजनाओं और कार्यों को शत प्रतिशत पूरा करने के निर्देश प्रदान करते हुए कहा कि बजट में स्वीकृत कोई भी कार्य अधूरा नहीं रहना चाहिए। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को बजट में स्वीकृत कार्यों को प्राथमिकता पर रखते हुए अपनी कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। उहोंने बजट घोषणाओं की समयबद्ध क्रियान्विति के निर्देश दिए तथा गत वर्ष की बजट घोषणाओं के कार्य भी शीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश दिए ।

 

मंत्री जोराराम कुमावत ने जयपुर स्थित मंदिरों के जीर्णोद्धार और मरम्मत कार्यों के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया कि इनका प्राथमिकता क्रम तय कर जल्द से जल्द योजनाबद्ध तरीके से इस काम को पूरा किया जाए। उन्होंने अंशकालिक पुजारियों /सेवादारों को प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से लेने पर भी अधिकारियों को कहा कि इस संबंध में पूरी तरह तैयारी करके नियमानुसार आगे बढ़ना चाहिए। बैठक में सिन्धु दर्शन यात्रा योजना को अधिक से अधिक आकर्षक एवं सुविधाजनक बनाने के निर्देश देते हुए योजना के संशोधित प्रारूप तैयार कर इसे प्रचारित प्रसारित करने के निर्देश दिए जिससे अधिक से अधिक लाभार्थी इस योजना का लाभ उठा सकें।

 

वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना में इस वर्ष वरिष्ठ नागरिकों को वातानुकूलित विशेष रेल से यात्रा कराई जाएगी। कुमावत ने इस विशेष रेल का राजस्थानी शैली के अनुरूप कस्टमाइज डिजायन तैयार कराने के निर्देश दिए साथ ही हवाई जहाज से काठमांडू की तीर्थयात्रा को जारी रखने के निर्देश भी प्रदान किए।

 

उहोंने देवस्थान विभाग की पृथक निर्माण तकनीकी विंग बनाने के लिए शीघ्र कार्यवाही करने को कहा जिससे विभागीय मंदिरों के जीर्णोद्धार एवं विकास कार्य समय पर तथा गुणवत्तापूर्वक संपन्न हो सकें एवं मंदिरों के जीर्णोद्धार हेतु अन्य विभागों पर निर्भरता कम हो सके।

 

मंत्री कुमावत ने विभिन्न स्थलों पर बने अराजकीय मंदिरों के पट्टे बनाने की प्रक्रिया पर चर्चा करते हुए इस दिशा में भी शीघ्र कार्यवाही के निर्देश प्रदान किए। कुमावत ने निर्देश दिया कि सरकारी प्रयोजनार्थ मंदिरों तथा प्रन्यासों की अवाप्त भूमि का मुआवजा जो आयुक्त देवस्थान के यहॉं जमा होता है, का उपयोग इन मंदिरों के जीर्णोद्धार एवं जनसुविधाओं के विकास में हो सके इसके लिए प्रक्रिया को सरल एवं तीव्र बनाया जाए।

 

बैठक में  देवस्थान विभाग के शासन सचिव कृष्णकांत पाठक, आईआरसीटीसी से प्रदीप माहेश्वरी एवं अन्य अधिकारीगण  उपस्थित रहे। राजस्थान के अन्य जिलों से विभागीय अधिकारी वीसी के माध्यम से बैठक में जुड़े।

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