नई दिल्ली. सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के तहत गरीब महिलाओं को 25 लाख अतिरिक्त मुफ्त एलपीजी कनेक्शन देने की मंजूरी दे दी है। यह कनेक्शन मौजूदा वित्तीय वर्ष में जारी किए जाएंगे। तेल मंत्रालय ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। मंत्रालय ने बताया, “इस विस्तार के साथ उज्ज्वला कनेक्शनों की कुल संख्या बढ़कर 10.58 करोड़ हो जाएगी।”
इसके लिए सरकार ने कुल 676 करोड़ रुपये के खर्च को मंजूरी दी है, जिसमें 25 लाख डिपॉजिट-फ्री कनेक्शन के लिए 512.5 करोड़ रुपये (प्रति कनेक्शन 2,050 रुपये की दर से), 160 करोड़ रुपये 14.2 किलो घरेलू सिलेंडर पर 300 रुपये की लक्षित सब्सिडी (साल में अधिकतम नौ रिफिल तक, 5 किलो सिलेंडर पर आनुपातिक), और 3.5 करोड़ रुपये परियोजना प्रबंधन व अन्य खर्चों के लिए शामिल हैं।
उज्ज्वला योजना के लाभ:
- लाभार्थियों को बिना किसी जमा राशि के एलपीजी कनेक्शन मिलता है।
- इसमें सिलेंडर, प्रेशर रेगुलेटर, सुरक्षा नली, उपभोक्ता कार्ड (DGCC बुकलेट) और इंस्टॉलेशन चार्ज शामिल होते हैं।
- इसके अलावा पहला रिफिल और स्टोव भी मुफ्त मिलता है।
- लाभार्थियों को इसके लिए कोई भुगतान नहीं करना होता। खर्च भारत सरकार और तेल विपणन कंपनियाँ (OMCs) उठाती हैं।
लाभार्थी 14.2 किलो का सिंगल बॉटल कनेक्शन, 5 किलो का सिंगल बॉटल या 5 किलो का डबल बॉटल कनेक्शन चुन सकते हैं।
आवेदन की प्रक्रिया अब पूरी तरह ऑनलाइन और सरल है। गरीब परिवारों की पात्र वयस्क महिलाएं जो पहले से एलपीजी कनेक्शन नहीं रखतीं, वे ऑनलाइन या नजदीकी OMC वितरक पर सरलीकृत KYC फॉर्म और वंचना घोषणा पत्र जमा कर आवेदन कर सकती हैं। इसके बाद सिस्टम द्वारा डुप्लीकेट चेक और OMC अधिकारियों की भौतिक जांच के बाद कनेक्शन जारी किया जाता है।
उज्ज्वला योजना का सफर:
- मई 2016 में लॉन्च हुई योजना का लक्ष्य था 8 करोड़ डिपॉजिट-फ्री कनेक्शन देना, जो सितंबर 2019 तक पूरा हो गया।
- अगस्त 2021 में उज्ज्वला 2.0 शुरू हुई, जिसमें 1 करोड़ अतिरिक्त कनेक्शन का लक्ष्य रखा गया और जनवरी 2022 में हासिल किया गया।
- इसके बाद दिसंबर 2022 में 60 लाख और जुलाई 2024 तक 75 लाख कनेक्शन दिए गए।
- जुलाई 2025 तक कुल 10.33 करोड़ से अधिक कनेक्शन देशभर में दिए जा चुके हैं।
निर्णय की घोषणा करते हुए केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा: “नवरात्रि के शुभ अवसर पर 25 लाख डिपॉजिट-फ्री एलपीजी कनेक्शन देने का फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माताओं और बहनों के सम्मान के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उज्ज्वला ने भारतीय समाज में रसोई को बदलकर, स्वास्थ्य की रक्षा कर और परिवारों का भविष्य रोशन कर एक प्रभावी सामाजिक कल्याण योजना का रूप लिया है।”