नई दिल्ली. भारत का संगठित गोल्ड लोन मार्केट मौजूदा वित्तीय वर्ष (FY26) में ही 15 लाख करोड़ रुपये (Rs 15 trillion) के स्तर को छूने की उम्मीद है, जो पहले के अनुमान से एक वर्ष पहले है।
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ICRA की रिपोर्ट के अनुसार, यह तेजी मुख्य रूप से सोने की बढ़ती कीमतों और लोन की मांग में वृद्धि के कारण देखने को मिल रही है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि गोल्ड लोन मार्केट FY27 तक 18 लाख करोड़ रुपये (Rs 18 trillion) के स्तर तक पहुंच सकता है।
गोल्ड लोन सेक्टर में बैंक, गोल्ड फाइनेंस कंपनियां और NBFCs (नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां) बड़ी भूमिका निभा रहे हैं, जिससे यह बाजार तेजी से संगठित हो रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में गोल्ड लोन की मांग लगातार बढ़ रही है, क्योंकि यह एक तेज़ और आसान क्रेडिट का स्रोत साबित हो रहा है।
मुख्य बिंदु:
- • FY26 में गोल्ड लोन मार्केट का आकार: ₹15 लाख करोड़
- • FY27 तक अनुमानित आकार: ₹18 लाख करोड़
- • तेजी का कारण: सोने की कीमतों में बढ़ोतरी और क्रेडिट की बढ़ती मांग
- • स्रोत: ICRA रिपोर्ट