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ग्रीन एनर्जी -रिलायंस सौर ऊर्जा से बनाएगी 150 अरब यूनिट बिजली

ग्रीन एनर्जी -रिलायंस सौर ऊर्जा से बनाएगी 150 अरब यूनिट बिजली

जियो 2030 तक पूरी तरह ग्रीन-एनर्जी पर होगा शिफ्ट, सोलर पीवी गीगा फैक्ट्री की निर्माण क्षमता इस वित्तवर्ष 10 गीगावाट होने का अनुमान, 30GWh बैटरी निर्माण सुविधा 2025-26 तक चरणबद्ध तरीके से चालू होगी, 55 सीबीजी संयंत्र स्थापित करने की राह पर मजबूती से आगे बढ़ रही है रिलायंस

मुंबई. रिलायंस ने कच्छ में सौर ऊर्जा प्लांट के लिए भूमि का विकास चालू कर दिया है। कंपनी की योजना यहां 150 अरब यूनिट बिजली निर्माण की है। कंपनी जल्द ही गुजरात के कांडला में 2 हजार एकड़ में ग्रीन कैमिकल के उत्पादन का काम भी शुरू करने जा रही है। कांडला और लकड़िया-1 में दो एनर्जी ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट भी रिलायंस को मिले हैं। रिलायंस ने अपनी नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट में सोलर पीवी, बैटरी स्टोरेज सिस्टम, ग्रीन हाइड्रोजन और कंप्रेस्ड बायोगैस से जुड़ी अपनी कुछ प्रमुख ग्रीन एनर्जी परियोजनाओं पर विस्तृत जानकारी दी है।
2035 तक कंपनी ने नेट कार्बन ज़ीरो का लक्ष्य रखा है, और इसके लिए रिलायंस कई मोर्चों पर एकसाथ काम कर रही है। रिलायंस की सब्सिडियरी रिलायंस जियो 2030 तक 100 फीसदी ग्रीन एनर्जी का इस्तेमाल करने लगेगी। अपने लक्ष्य को पाने के लिए कंपनी ने 23,699 स्थानों पर सौर ऊर्जा पैनल स्थापित किए हैं। जिससे 212 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। इसके अतिरिक्त, जियो ने कर्नाटक के बीदर में 35 मेगावाट क्षमता वाला एक केंद्रीकृत सौर संयंत्र भी स्थापित किया है। जियो अपने वैश्विक प्रतिस्पर्धियों की तुलना में एनर्जी एफिशिएंट है। जीएसएमएआई ने एनर्जी बेंचमार्किंग पर अपनी मार्च 2025 की रिपोर्ट में माना कि जियो की प्रति जीबी ट्रैफिक पर ऊर्जा खपत वैश्विक औसत का लगभग 30% है।
रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात के जामनगर में रिलायंस की सोलर पीवी गीगा फैक्ट्री, 1गीगावाट से अधिक क्षमता के साथ चालू हो गई है। रिलायंस ने इस वित्त वर्ष में 10 गीगावाट एकीकृत सोलर पीवी निर्माण क्षमता तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है। वहीं 30GWh बैटरी निर्माण सुविधा 2025-26 तक चरणबद्ध तरीके से चालू हो जाएगी।
रिलायंस 130 टीपीडी उत्पादन क्षमता वाले 7 कंप्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) संयंत्रों को भी चला रही है। ये संयंत्र उच्च गुणवत्ता वाली 2 लाख टीपीए जैविक खाद का भी उत्पादन करेंगे। कंपनी 55 सीबीजी संयंत्र स्थापित करने की राह पर मजबूती से आगे बढ़ रही है। ग्रीन हाइड्रोजन क्षमता को बेहतर बनाने के लिए कंपनी ने एक मल्टी-गीगावाट इलेक्ट्रोलाइजर सुविधा के संचालन की योजना बनाई है। इसके लिए दहेज़ के पास नौयान शिपयार्ड का भी अधिग्रहण किया गया है।

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