नई दिल्ली। देश की अगर 50 प्रतिशत आबादी मास्क पहनती है, तो सिर्फ 50 प्रतिशत आबादी को ही कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा हो सकता है। यदि 80 प्रतिशत आबादी मास्क पहनती है, तो इस महामारी पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जा सकती है। यह कहना है, सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय में वरिष्ठ सलाहकार डॉ. शैलजा वैद्य गुप्ता का। उन्होंने यह बात भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय द्वारा सार्स-सीओवी-2 कोरोना वायरस से जुड़ी एक नियमावली में पेश तथ्य के आधार पर कही।
घर पर मास्क बनाने पर जोर
डॉ. शैलजा ने कहा, “मास्क की कमी को देखते हुए इस नियमावली में घर पर मास्क बनाने पर जोर दिया गया है। यह पहल मुख्य रूप से उन लोगों के लिए है, जो मास्क पहनना चाहते हैं, लेकिन उनकी इन मास्कों तक पहुंच नहीं है। ऐसे में घर पर बनाए हुए मास्क उपयोगी हो सकते हैं। इनकी खूबी यह है कि इन्हें धोकर आप दोबारा उपयोग कर सकते हैं।”
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