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वैश्विक सौर में चमकेगी आरआईएल

नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries Limited) (आरआईएल) की वर्ष 2030 तक 100 गीगावाट की सौर क्षमता हासिल करने की योजना का मतलब न केवल नई शुरुआत से बड़े पैमाने पर पहुंचना होगा बल्कि यह दुनिया में किसी एक कंपनी की मौजूदा नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता से दोगुनी से अधिक होगी। इस समय इटली की एनेल स्पा की नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता 48.6 गीगावाट है। हालांकि इस कंपनी ने भी अपनी क्षमता वर्ष 2030 तक बढ़ाकर 120 गीगावाट करने का लक्ष्य रखा है।

करीब 30 देशों में परिचालन कर रही

एनेल समूह ऊर्जा क्षेत्र की इकाई है, जो करीब 30 देशों में परिचालन कर रही है। इसके पूर्ण स्वामित्व वाली एनेल ग्रीन पावर समूह के 49 गीगावाट के नवीनीकरणीय ऊर्जा पोर्टफोलियो को संभालती है। इस फेहरिस्त में दूसरे स्थान पर चाइना एनर्जी इन्वेस्टमेंट कॉर्प (China Energy Investment Corp.) (चाइना एनर्जी) है, जिसकी स्थापना वर्ष 2017 में चाइना गुओडियन कॉरपोरेशन और शेनहुआ समूह के विलय के बाद हुई। इसकी कारोबारी खंडों में मौजूदगी है, जिनमें कोयला, ताप विद्युत, नई ऊर्जा, जल विद्युत, परिवहन, कोयला रसायन, पर्यावरण तकनीक और औद्योगिक वित्त शामिल हैं। कंपनी की वेबसाइट पर कहा गया है कि यह दुनिया में कोयले, ताप विद्युत और पवन ऊर्जा की सबसे बड़ी उत्पादक है।

वर्ष 2030 तक कम से कम 100 गीगावाट सौर ऊर्जा क्षमता

हालांकि आरआईएल (Reliance Industries Limited) ने सौर उपकरण विनिर्माण, वास्तविक बिजली उत्पादन और निर्माण में अपने निवेश का अलग-अलग ब्योरा नहीं दिया है, लेकिन यह परियोजना प्रबंधन, निर्माण और नवीकरणीय ऊर्जा परियोनजाओं को वित्त देने में भी उतरना चाहती है। आरआईएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कंपनी की सालाना आम बैठक में कहा, ‘रिलायंस वर्ष 2030 तक कम से कम 100 गीगावाट सौर ऊर्जा क्षमता हासिल करेगी। इसका एक बड़ा हिस्सा छतों पर सौर उपकरणों और गांवों में विकेंद्रित सौर इंस्टॉलेशन से आएगा।’ इसका मतलब है कि पूरी 100 गीगावाट क्षमता पर केवल इसका स्वामित्व नहीं होगा।

उत्पादन जमीन पर सौर संयंत्र लगाने से ही संभव

हालांकि छतों पर सौर उपकरणों और वितरित ऊर्जा प्रणालियों से बड़े पैमाने पर उत्पादन संभव नहीं होता है। बड़े पैमाने पर उत्पादन जमीन पर सौर संयंत्र लगाने से ही संभव है। इसके बावजूद इन सौर संयंत्रों को स्थापित करने के लिए बड़े भूखंडों की जरूरत होती है, जो सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए मुश्किल पैदा करेगी।

सौर और पवन ऊर्जा की स्थापित क्षमता करीब 40-40 गीगावाट

यूरोपीय देशों में नवीकरणीय ऊर्जा में पवन ऊर्जा, जल विद्युत और भूतापीय ऊर्जा का अहम हिस्सा है। अन्य एशियाई और अफ्रीकी देशों की तरह भारत में सौर ऊर्जा उत्पादन की अच्छी संभावनाएं हैं क्योंकि यहां सूर्य की रोशनी भरपूर उपलब्ध है। शुरुआत में पवन ऊर्जा को बढ़ावा देने के बाद अब भारत में सौर और पवन ऊर्जा की स्थापित क्षमता करीब 40-40 गीगावाट है। इसमें 46.3 गीगावाट बड़ी जल विद्युत क्षमता जोड़ते हैं तो कुल नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 141 गीगावाट होती है।

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