मंगलवार , मार्च 19 2024 | 05:19:23 PM
Home / धर्म समाज / वेदानुसार पंच महायज्ञों में एक महत्व पूर्ण यज्ञ है पितृयज्ञ
According to Vedana, a full sacrifice is done in Panch Mahayagya.

वेदानुसार पंच महायज्ञों में एक महत्व पूर्ण यज्ञ है पितृयज्ञ

जयपुर। आश्वनि कृष्ण पक्ष को हमारे हिन्दू धर्म में श्राद्ध पक्ष (Shraddha Paksha) के रूप में मनाया जाता है । इसे महालय और पितृ पक्ष (Pitra paksh) भी कहा जाता है। पुराणों के मृत्यु के देवता यमराज (yamraj) श्राद्ध पक्ष में जीव को मुक्त कर देते हैं ताकि वे स्वजनों के यहाँ जाकर तर्पण ग्रहण कर सकें।

पितृ पक्ष में पितरों के नाम का निकालते हैं

ऐसी मान्यता है कि पितृ पक्ष में हम जो भी पितरों के नाम का निकालते हैं, उसे वे सूक्ष्म रूप में आकर ग्रहण करते हैं, चाहे वे किसी रूप में या लोक में हों। पुराणों के अनुसार पितरों के लिए श्रद्धा से किये गये मुक्ति कर्म को “श्राद्ध” कहते हैं। तथा तृप्त करने की क्रिया अर्थात् देवताओं, ऋषियों या पितरों को तुन्डल या तिल मिश्रित जल अर्पित करने की क्रिया को तर्पण कहते हैं।

वेदानुसार पंच महायज्ञों में एक महत्व पूर्ण यज्ञ है पितृयज्ञ

वेदानुसार तर्पण व श्राद्ध कर्म (Shardh karm) मृतकों में नहीं अपितु विद्यमान अर्थात् जीते हुए जो प्रत्यक्ष हैं उन्हीं में घटता है मरे हुओं में नहीं। क्यों कि मृतकों का प्रत्यक्ष होना असम्भव है। इसलिये उनकी सेवा नहीं हो सकती है। एक तर्पण और दूसरा श्राद्ध (Shardh)। जिस कर्म के द्वारा विद्वान् रूप देव,ऋषि और पितरों (जीवित माता पिता) को सन्तोष व सुख होता है उसे तर्पण कहते हैं। अर्थात् भोजन, जल वस्त्र आदि उनकी आवश्यकता की वस्तुओं से उन्हें तृप्त करना। तथा श्रद्धापूर्वक उनकी सेवा करना श्राद्ध कहलाता है।

इस बार त्योहार में कार पर नहीं होगी छूट की बौछार!

Check Also

Additional budget provision of Rs 44 crore for Senior Citizen Pilgrimage Scheme

वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना में 44 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बजट प्रावधान

जयपुर। राज्य सरकार वरिष्ठ नागरिकों को तीर्थ स्थलों की यात्रा कराने के लिए संकल्पित है। …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *