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Big relief to taxpayers! 'Dispute to trust' scheme can change in declaration

Taxpayers को बड़ी राहत! ‘विवाद से विश्वास’ स्कीम डेक्लेरेशन में कर सकते हैं बदलाव

नई दिल्ली। ‘Vivad Se Vishwas’ स्कीम के तहत अगर आपने डेक्लेरेशन (Declaration) दे दिया है, लेकिन आप उसमें कुछ संशोधन करना चाहते हैं तो आप ऐसा कर सकते हैं. इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) ने साफ किया है कि टैक्सपेयर्स डेक्लेरेशन में तबतक संशोधन कर सकते हैं जबतक टैक्स अथॉरिटीज टैक्स (Tax Authoroties) बकाया और टैक्स पेमेंट की पूरी जानकारी के साथ सर्टिफिकेट नहीं जारी कर देती हैं.

‘Vivad Se Vishwas’ क्या हुए हैं बदलाव

1. विवाद से विश्वास स्कीम को लेकर बार-बार पूछे जाने वाले सवालों (FAQs) की नई लिस्ट जारी करते हुए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने कहा कि योजना का लाभ उस मामले में नहीं लिया जा सकता है जहां आयकर निपटान आयोग (Income Tax Settlement Commission) के समक्ष कार्यवाही पेंडिंग है या फिर ITSC के आदेश के खिलाफ रिट याचिका दायर की गई है.

टैक्सपेयर ने MAP के फैसले को स्वीकार नहीं किया…

2. जिन मामलों में द्विपक्षीय समझौता प्रक्रिया (Mutual Agreement Procedure-MAP decision) समाधान लंबित है या टैक्सपेयर ने MAP के फैसले को स्वीकार नहीं किया है. ऐसी अपील विवाद से विश्वास के अंतर्गत की जा सकेंगी. ऐसे मामलों में ब्योरा देने वाले को MAP आवेदन और अपील दोनों वापस लेने होंगे.

Authority for Advance Ruling ने करदाताओं के पक्ष में फैसला सुनाया

3. करदाता (Taxpayers) उन मामलों में घोषणा करने के लिये पात्र होंगे जहां एडवांस रूलिंग प्राधिकरण (Authority for Advance Ruling) ने करदाताओं के पक्ष में फैसला सुनाया है और विभाग ने उच्च हाई कोर्ट/सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है और करदाता की कुल आय का निर्धारण एएआर के समक्ष हो गया है.

31 दिसंबर तक मोहलत

सरकार ने कोरोना महामारी की वजह से अक्टूबर में तीसरी बार विवाद से विश्वास योजना के तहत भुगतान की समयसीमा तीन महीने 31 मार्च, 2021 तक के लिये बढ़ाई है. हालांकि योजना का लाभ लेने वालों को घोषणा 31 दिसंबर, 2020 तक जमा करनी होगी.

करदाता वैसे मामले में आवेदन को संशोधित कर सकेंगे

नांगिया एंडरसन एलएलपी के पार्टन संदीप झुनझुनवाला ने कहा कि संशोधन के प्रावधान से करदाता वैसे मामले में आवेदन को संशोधित कर सकेंगे जहां कुछ खामियां हैं या तथ्यात्मक स्पष्टीकरण के कारण मामले पर फिर से विचार किया गया है.

योजना का फायदा ज्यादा-से-ज्यादा टैक्सपेयर्स को मिले

उन्होंने कहा कि अथॉरिटीज ये सुनश्चित कर रही हैं कि योजना का फायदा ज्यादा-से-ज्यादा टैक्सपेयर्स को मिले. योजना नई है, ऐसे में सर्टिफिकेट जारी होने से पहले समीक्षा की अनुमति से आवेदनकर्ता वैसे मामलों में आवेदन में संशोधन कर सकेंगे जहां खामियां पाई गईं हैं या अथॉरिटी से कोई स्पष्टीकरण मिला है.

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