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Gene editing and regulation will increase productivity

जीन एडिटिंग एवं रेगुलेशन से बढ़ेगी उत्पादकता

नई दिल्ली। फेडरेशन ऑफ  सीड इंडस्ट्री ऑफ  इंडिया (Federation of seed industry of india) के कार्यकारी निदेशक डॉ. शिवेंद्र बजाज ने कहा, ‘टेक्नोलॉजी ने विस्तृत सीक्वेंसिंग एवं फेनोटाइपिंग के साथ फसल से संबंधित शोध एवं प्लांट ब्रीडिंग पर सकारात्मक प्रभाव छोड़ा है। जेनेटिक्स एवं जीन फंक्शन के बारे में हमारी जानकारी ने ब्रींडिंग की एफिशियंसी एवं इच्छित गुणों के चयन में वृद्धि की है। किसानों एवं पौधा उत्पादकों द्वारा विभिन्न फसलों के लिए दशकों से एग्रोनोमिक डेटा एकत्रित किया गया है तथा नई प्रगति द्वारा पौधा उत्पादक जेनेटिक इन्फॉर्मेशन भी प्राप्त कर सकते हैं।

प्राकृतिक तौर से होने वाली प्रक्रिया

आज पौधा उत्पादक जेनेटिक अंतरों को गुणों के अंतर से जोड़ सकते हैं। विस्तृत रूप से उपलब्ध डेटा के विश्लेषण से पौधा उत्पादक अपने प्रयोगों से यादृच्छिकता को समाप्त कर बेहतर गुण पाने के लिए सर्वश्रेष्ठ संकर का अनुमान लगा सकते हैं। कृत्रिम योग्यता सही अनुमान लगाने में मदद करती है। उत्पादकों के लिए दूसरा टूल है प्राकृतिक तौर से होने वाली प्रक्रिया यानि जीन एडिटिंग, जिसका उपयोग कर किसी बाहरी जीन/डीएनए की मदद के बिना निश्चित तरीके से जीन्स/डीएनए सीक्वेंसिंग में संशोधन व सुधार किया जा सकता है। जीन एडिटिंग की विभिन्न विधियों में से क्रिस्पर/कैस9 सबसे लचीला एवं यूजर-फ्रेंडली प्लेटफॉर्म है।

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