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60 हजार की दहलीज पर सेंसेक्स

अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नरम रुख और चीन के प्रॉपर्टी डेवलपर एवरग्रैंड का कर्ज संकट कुछ हद तक दूर होने से निवेशकों का मनोबल बढ़ा है जिससे घरेलू शेयर बाजार में आज शानदार तेजी देखी गई। बेंचमार्क सेंसेक्स 958 अंक उछलकर 59,885 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 60,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से महज 43 अंक दूर था। नैशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 276 अंक चढ़कर 17,823 पर बंद हुआ।

एवरग्रेंड के कर्ज भुगतान में संभावित चूक की आशंका और फेडरल रिजर्व की बैठक से पहले अधिकांश वैश्विक बाजारों में इस हफ्ते खासी गिरावट आई थी। हालांकि दोनों मोर्चों पर थोड़ी सहजता के बाद निवेशकों ने एक बार फिर से जोखिम लेना शुरू कर दिया है।

चीन के डेवलपर एवरग्रैंड ने बयान जारी किया कि उसने कर्ज भुगतान के लिए एक सौदा किया है। इससे निवेशकों को थोड़ी राहत मिली है। हालांकि विश्लेषकों का कहना है कि फेडरल रिजर्व के रुख से निवेशकों का मनोबल बढ़ा है। फेडरल रिजर्व ने प्रोत्साहन को आगे बढ़ाने का विकल्प अपनाने की बात कही है।

फेडरल रिजर्व की प्रमुख जेरोम पॉवेल ने कहा कि नवंबर में बॉन्ड की खरीद में कमी की जाएगी और यह प्रक्रिया अगले साल के मध्य में पूरी होगी। पॉवेल ने आगे कहा कि बॉन्ड खरीद को घटाने की प्रक्रिया को पूरी करने से पहले दरों में इजाफा करने की उम्मीद नहीं है। जुलियस बेयर के मुख्य अर्थशास्त्री डेविड कोहल ने कहा, ‘मुद्रास्फीति 2 फीसदी से ऊपर बनी हुुई है, जिससे  संकेत मिलता है कि प्रोत्साहन 2024 तक जारी रह सकता है। हमें उम्मीद है कि फेडरल रिजर्व नए अनुमान को लेकर नरम रुख बनाए रखेग क्योंकि फेडरल रिजर्व की चेयरमैन 2023 में दरें बढ़ाने के पक्ष में हैं।’

महामारी के बाद फेडरल रिजर्व ने शून्य ब्याज दर और बॉन्ड खरीद कार्यक्रम जैसे उपाय किए थे जिससे दुनिया भर के बाजारों में खासी तेजी आई है। बाजार में तरलता बढऩे से जोखिम वाली संपत्तियों का भी मूल्यांकन बढ़ा है।

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