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आपदा से प्रभावित प्रत्येक नागरिक को मानवीय दृष्टिकोण के साथ राहत उपलब्ध करा रही राज्य सरकारः मुख्यमंत्री

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक, राज्य सरकार के प्रयासों से हुआ एसडीआरएफ नॉर्म्स में संशोधन,  30.15 लाख काश्तकारों को दी गई 2595.57 करोड़ रुपए की इनपुट सब्सिडी

जयपुर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार किसी भी प्रकार की आपदा में न्यूनतम हानि तथा अधिकतम राहत सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आपदा से प्रभावित प्रत्येक नागरिक के लिए मानवीय दृष्टिकोण के साथ राहत उपलब्ध करवाने का कार्य कर रही है।

श्री गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों के फलस्वरूप केन्द्र सरकार ने एसडीआरएफ नॉर्म्स में संशोधन किया है। ज्ञात रहे कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने पत्र लिखकर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से कृषि आदान-अनुदान को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कृषि बीमा दावे के विरूद्ध समायोजित करने के प्रावधान को समाप्त करने की मांग की थी। मुख्यमंत्री के इस आग्रह पर केन्द्र सरकार द्वारा एसडीआरएफ नॉर्म्स में संशोधन किया गया है। अब प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत षि बीमा में समायोजन किए बिना सीधे ही प्रभावित किसानों को अलग से इनपुट सब्सिडी की पूरी राशि भी दी जा रही है। इससे किसानों को इनपुट सब्सिडी का तत्काल भुगतान होगा तथा फसल बीमा राशि का भी पृथक से भुगतान हो सकेगा।

श्री गहलोत ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के पुराने तथा नये क्लेमों का भुगतान शीघ्र करने के निर्देश दिए। साथ ही, अधिकारियों को 2022-23 की समस्त इनपुट सब्सिडी भी 15 सितम्बर, 2023 तक वितरित किए जाने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि वर्ष 2020-21 से वर्ष 2022-23 के दौरान लगभग 30.15 लाख काश्तकारों को 2595.57 करोड़ रुपए की इनपुट सब्सिडी दी गई है, जिसमें वर्ष 2022-23 में 6.82 लाख षकों को 800 करोड़ रूपये की इनपुट सब्सिडी शामिल है।

बैठक में विभिन्न आपदाओं के दौरान पूर्व में दी गई तत्काल सहायता एवं स्वीकृतियों का कार्योत्तर अनुमोदन भी किया गया। इनमें कोविड-19 से मृत्यु होने पर मृतकों के आश्रितों को एसडीआरएफ से अनुग्रहिक सहायता (प्रति मृतक 50000 रूपये) के भुगतान हेतु सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को वर्ष 2021-22 में 137.56 करोड़ एवं वर्ष 2022-23 में 53 करोड़ रूपये का बजट आवंटन एवं मानसून वर्ष 2022 में अतिवृष्टि/बाढ़ से क्षतिग्रस्त सार्वजनिक परिसम्पत्तियों सड़कों, बांधों, नहरों, भवनों आदि के 208.54 करोड़ रुपए के 8599 राहत कार्य सम्मिलित हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सजगता से की गई तैयारियों तथा राहत कार्यों के परिणामस्वरूप मानसून के प्रारंभिक महीनों में अधिक वर्षा होने पर भी बाढ़/वर्षाजनित हादसों में जनहानि नगण्य हुई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आपदा प्रबन्धन व्यवस्था को सुढ करने हेतु एसडीआरएफ, नागरिक सुरक्षा एवं अन्य विभागों को आपदा प्रबंधन एवं राहत कार्यों से संबंधित विभिन्न उपकरण उपलब्ध करवाए गए हैं।

शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी डॉ. पृथ्वीराज ने बताया कि फसल बीमा योजना के तहत वर्ष 2022-23 में लगभग 3 हजार करोड़ रूपए के बीमा क्लेम की राशि 31.54 लाख पॉलिसीधारकों को वितरित की जा चुकी है। शेष राशि लगभग 700 करोड़ रुपए का माह सितंबर के मध्य तक भुगतान कर दिया जाएगा। राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल का राजस्व रिकॉर्ड (ई-धरती) के साथ इंटीग्रेशन करने वाला राजस्थान तीसरा राज्य बन गया है। डिजीक्लेम के माध्यम से बीमा क्लेम वितरण करने में राजस्थान अग्रणी राज्यों में गिना जाता है तथा योजना के समग्र क्रियान्वयन में राजस्थान का दूसरा स्थान है। शत-प्रतिशत फसल कटाई प्रयोग ऑनलाइन करने पर धौलपुर जिले को भारत सरकार द्वारा हाल ही में सम्मानित किया गया है।

बैठक में कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री लालचंद कटारिया, आपदा प्रबंधन एवं सहायता मंत्री श्री गोविन्द राम मेघवाल, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सलाहकार समिति सदस्य श्री मुकेश कुमार वाल्मिकी, अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज श्री अभय कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री अखिल अरोडा, प्रमुख शासन सचिव गृह श्री आनंद कुमार, प्रमुख शासन सचिव यूडीएच श्री टी. रविकांत, प्रमुख शासन सचिव श्रम श्री विकास सीताराम भाले, शासन सचिव कृषि डॉ. पृथ्वीराज, शासन सचिव आपदा प्रबंधन श्री पी सी किशन, शासन सचिव एलएसजी श्री कैलाश चन्द मीणा, कृषि आयुक्त श्री गौरव अग्रवाल सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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