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Private sector opportunities in native map technology

देसी नक्शा तकनीक में निजी क्षेत्र को अवसर

जयपुर। नक्शे और भू-स्थानिक डेटा तक पहुंच चाहने वाले भारत के किसी कारोबार को आम तौर पर इसे पाने के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता है। मैपिंग, सर्वेइंग और जियोस्पेशल कंपनी जेनेसिस इंटरनैशनल कॉरपोरेशन लिमिटेड (Genesis International Corporation Limited) के निदेशक ओम हेमराजानी (Om Hemrajani) ने कहा कि जिन लोगों की नक्शे बनाने के लिए हवाई तस्वीर संग्रह में रुचि है, उन्हें कई तरह की लाल फीताशाही और मुश्किलों से जूझना पड़ रहा है।

स्वीकृतियां मिलने में तीन से छह महीने!

इसके लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (Directorate General of Civil Aviation) और रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defense) से मंजूरियां लेनी पड़ती हैं और मंजूरियां मुख्य रूप से सरकारी परियोजनाओं को दी जाती हैं। उन्होंने कहा, ‘अगर किसी कंपनी को सरकार से भी ठेका मिलता है और वह उसके एवज में आवेदन करती है तो स्वीकृतियां मिलने में तीन से छह महीने लगेंगे।’ यह सब बदलने जा रहा है।

सरकार ने 15 फरवरी को भू-स्थानिक डेटा… नए दिशानिर्देश जारी

सरकार ने 15 फरवरी को भू-स्थानिक डेटा को लेकर नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। मैपमाईइंडिया (Map My India) पहले ही कह चुकी है कि इन सुधारों से कृषि, स्वास्थ्य, वित्त, लॉजिस्टिक्स, परिवहन, तकनीक और वाणिज्य जैसे क्षेत्रों को लाभ होगा। मैपमाईइंडिया भारतीय कंपनी है, जिसे अपनी नक्शा तकनीक के लिए जाना जाता है। कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी और कार्यकारी निदेशक रोहन वर्मा ने कहा, ‘भू-स्थानिक तकनीकों के व्यापक लाभों की बदौलत देश के जीडीपी में 4-5 फीसदी वृद्धि होगी।’

एक लाख करोड़ रुपये की भू-स्थानिक अर्थव्यवस्था तैयार

केंद्रीय विज्ञान एवं तकनीक, भू विज्ञान मंत्री हर्ष वर्धन ने दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा कि इस फैसले से एक लाख करोड़ रुपये की भू-स्थानिक अर्थव्यवस्था तैयार होगी। इस समय भारत नक्शा तकनीकों और सेवाओं के लिए विदेशी संसाधनों पर अत्यधिक निर्भर है। सरकार मानती है कि स्थानीय रूप से प्रासंगिक नक्शों और भू-स्थानिक डेटा से संसाधनों के प्रबंधन में सुधार आएगा। उद्योग मुख्य रूप से इससे सहमत हैं। यह क्षेत्र नियंत्रण मुक्त होगा और सर्वेइंग, मैपिंग और इस डेटा के आधार पर ऐप्लीकेशन बनाने के लिए पूर्व मंजूरी की जरूरत नहीं होगी।

 भारतीय सर्वर की खुद निगरानी करनी होगी

हेमराजानी (Om Hemrajani) ने कहा, ‘नए दिशानिर्देशों के तहत केवल भारतीय कंपनियों को ही मोबाइल मैपिंग और लिडार (लाइट डिटेक्शन ऐंड रेजिंग) जैसे टेरेस्ट्रियल भू-स्थानिक आंकड़े संग्रहीत करने की मंजूरी दी गई है। इसके अलावा भारतीय कंपनियां सटीक भू-स्थानिक डेटा (एक मीटर सटीकता से बेहतर) सृजित कर सकेंगी। उन्हें सुुरक्षा वजहों से देश में स्थित भारतीय सर्वर की खुद निगरानी करनी होगी।

भारतीय कंपनी को किसी भी चीज की मैपिंग की मंजूरी

गूगल इंडिया (Google India) के इंजीनियरिंग सेंटर के पूर्व प्रमुख और गूगल मैपमेकर (एक टूल, जिसकी बदौलत गूगल मैप्स बना) के डेवलपर ललितेश कटरागड्डा ने कहा कि सरकार की तरफ से जारी होने वाली एक नकारात्मक सूची के अलावा किसी भी भारतीय कंपनी को किसी भी चीज की मैपिंग की मंजूरी दी जाएगी। उन्होंने कहा, ‘आप कोई भी तकनीक- लिडार, हाई रिजोल्यूशन कैमरे, अंडरवाटर, ओवर वाटर अपनाकर नक्शे बना सकते हैं।’

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