शनिवार , मई 11 2024 | 04:18:53 PM
Breaking News
Home / ब्रेकिंग / आयुष्मान पर 20 राज्यों की मोहर

आयुष्मान पर 20 राज्यों की मोहर

सरकारी खजाने पर 120 अरब रुपये का बोझ बढ़ेगा

नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (एनएचपीएस) यानी आयुष्मान भारत पर आयोजित स्वास्थ्य मंत्रियों के सम्मेलन में 20 राज्यों ने इस योजना को लागू करने के लिए केंद्र सरकार के साथ आपसी समझौते पर हस्ताक्षर किए। पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और दिल्ली जैसे राज्य बैठक में शामिल नहीं हुए। सूत्रों ने कहा कि पश्चिम बंगाल ने इसमें दिलचस्पी दिखाई है लेकिन औपचारिक तौर पर आगे नहीं आया।

इस योजना के तहत 12 राज्यों ने अस्पतालों को भुगतान के लिए बीमा का तरीका अपनाने का निर्णय किया। इनमें उत्तराखंड, हरियाणा, नगालैंड, त्रिपुरा और मेघालय जैसे राज्य शामिल हैं। हालांकि गुजरात, केरल और हिमाचल प्रदेश ने हाइब्रिड मॉडल अपनाने का निर्णय किया, जिसमें एक हिस्सा बीमा का होगा और बाकी ट्रस्ट मॉडल होगा। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के मुख्य कार्याधिकारी ने कहा कि गुजरात 50,000 रुपये तक के दावे का भुगतान बीमा मॉडल के जरिये करेगा जबकि इससे अधिक के दावे का आवंटन ट्रस्ट मॉडल के तहत किया जाएगा।

इस योजना को अपनाने वाले राज्यों में यूपी, हरियाणा और बिहार में यह नई तरह की योजना होगी और कुल लाभार्थियों की संख्या 30 से 40 फीसदी होगी। तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और राजस्थान में इस तरह की योजना पहले से चल रही है लेकिन वह राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना को अपनाने पर सहमत हैं। हरियाणा में प्रायोगिक तौर पर शुरू की गई परियोजना से पता चला है कि सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना के आंकड़े लक्षित गांवों में 80 फीसदी परिवारों तक पहुंचने में सफल हैं।

इस परियोजना को प्रायोगिक तौर पर हरियाणा के जलबेरा, बारा, धुराली, मुन्नारहेरी और ब्राह्मïण माजरा गांवों में शुरू किया गया था। जहां राशन कार्ड उपलब्ध हैं, वहां सरकार लाभार्थियों के और आंकड़े जुटा रही है। सरकार का मानना है कि राशन कार्ड का उपयोग कर परिवार के मुखिया का पता लगाना संभव होगा। हॉस्पिटल्स फेडरेशन सरकार द्वारा योजना के तहत सुझाए दरों पर खुश नहीं होने के बावजूद एनएचपीएस की बैठक में अस्पताल प्रदाताओं के प्रतिनिधि के तौर पर ओपोलो की कार्यकारी चेयरमैन प्रीता रेड्डïी मौजूद थीं।

इस योजना के लागू होने से सरकारी खजाने पर 120 अरब रुपये का बोझ बढ़ेगा। केंद्र सरकार ने कहा कि वह इस योजना के लिए 60 फीसदी कोष मुहैया कराएगी और शेष 40 फीसदी राज्य सरकारों की ओर से वहन किए जाने की उम्मीद है। नीति आयोग के अनुमान के मुताबिक पहले साल नई स्वास्थ्य बीमा योजना की लागत करीब 60 अरब रुपये आएगी। खर्च के आकलन की यह गणना प्रति परिवार 1,000 से 1,200 रुपये के प्रीमियम पर आधारित है।

केंद्र सरकार राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना इसलिए लेकर आई क्योंकि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाई) अब प्रासंगिक नहीं रह गई थी क्योंकि कई राज्यों की योजनाओं में इससे ज्यादा बीमा मुहैया कराया जा रहा है। आरएसबीवाई के तहत 30,000 रुपये तक का बीमा दिया जाता है। माना जा रहा है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना की औपचारिक शुरुआत 15 अगस्त को हो सकती है।

Check Also

Paving the way for medical excellence, Maringo CIMS Hospital conducts Gujarat's first non-surgical double valve replacement

चिकित्सीय उत्कृष्टता के क्षेत्र में एक नई राह दिखाते हुए, मैरिंगो सीआईएमएस हॉस्पिटल ने गुजरात के पहले नॉन-सर्जिकल डबल वॉल्व रिप्लेसमेंट का किया संचालन

अहमदाबाद. मैरिंगो सीआईएमएस हॉस्पिटल (Maringo CIMS Hospital) ने आज बड़े गर्व के साथ चिकित्सा के …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *