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Birla Institute of Management Technology (BIMTECH)

बिमटेक को AACSB से नवाचार और नेतृत्व के लिए अंतरराष्ट्रीय सम्मान, पूर्व छात्रा मान्या झा की उद्यमिता को भी मिली वैश्विक पहचान

ग्रेटर नोएडा. भारत की प्रबंधन शिक्षा को वैश्विक स्तर पर नई पहचान मिल रही है। बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी (बिमटेक) को एएसीएसबी इंटरनेशनल (एसोसिएशन टू एडवांस कोलेजिएट स्कूल्स ऑफ बिजनेस) ने नवाचार और नेतृत्व के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया है। संस्थान को एएसीएसबी की वर्ष 2025 की दो प्रमुख पहलों — “इनोवेशन्स दैट इन्स्पायर” और “इन्फ्लुएंशियल लीडर्स” — के अंतर्गत यह सम्मान प्राप्त हुआ है।

 

इस अवसर पर एएसीएसबी इंटरनेशनल के दक्षिण एशिया क्षेत्र प्रमुख श्री प्रताप दास ने बिमटेक का दौरा किया और संस्थान को औपचारिक रूप से यह सम्मान प्रदान किया। उन्होंने संस्थान की नेतृत्वकारी टीम, संकाय सदस्यों और अन्य हितधारकों से मुलाकात की तथा व्यवसायिक शिक्षा में उत्कृष्टता और एएसीएसबी मान्यता के महत्व पर प्रेरणादायक संबोधन दिया।

 

बिमटेक की निदेशक डॉ. प्रबीना राजीब ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, “यह सम्मान हमारे उस दृष्टिकोण की पुष्टि करता है, जिसके तहत हम वैश्विक स्तर पर सक्षम, नवाचारी और सामाजिक रूप से जिम्मेदार नेताओं को तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह हमारी शैक्षणिक और सामाजिक प्रभाव के प्रति समर्पण को दर्शाता है, जो एएसीएसबी के नवाचार, सहभागिता और प्रभाव के मूल्यों के अनुरूप है।”
इस कार्यक्रम की एक और उल्लेखनीय उपलब्धि बिमटेक की पूर्व छात्रा सुश्री मान्या झा (पीजीडीएम 2014–16) का एएसीएसबी की “इन्फ्लुएंशियल लीडर्स” श्रेणी में शामिल होना है। वे मोर्फेडो टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड की संस्थापक और चेयरपर्सन हैं, जो एक अग्रणी डीप-टेक कंपनी है। यह कंपनी राष्ट्रीय सुरक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और सतत निर्माण जैसे क्षेत्रों में नवाचार कर रही है।

 

मान्या झा और उनके सह-संस्थापक व जीवनसाथी सुशील बर्णवाल की नेतृत्व क्षमता और सामाजिक जिम्मेदारी ने बिमटेक परिसर से शुरू हुए एक विचार को एक सफल स्टार्टअप में बदल दिया है। इस स्टार्टअप का लक्ष्य वर्ष 2030 तक 1,000 करोड़ रुपये का कारोबार हासिल करना है। यह यात्रा नवाचार, दूरदृष्टि और सामाजिक उत्तरदायित्व की मिसाल बन चुकी है।

 

बिमटेक, अपने संस्थापकों स्वर्गीय बसंत कुमार बिरला और सरला बिरला की प्रेरणा से, पीजीडीएम, पीजीडीएम (अंतरराष्ट्रीय व्यापार), पीजीडीएम (बीमा व्यवसाय प्रबंधन), पीजीडीएम (खुदरा प्रबंधन), पीजीडीएम-ऑनलाइन और फेलो प्रोग्राम (एफपीएम/ई-एफपीएम) जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से वैश्विक नेतृत्व निर्माण में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। यह संस्थान आज विश्वस्तरीय प्रबंधन संस्थानों की श्रेणी में शामिल है और इसके 8,000 से अधिक पूर्व छात्र विश्व भर में विभिन्न नेतृत्वकारी पदों पर कार्यरत हैं।

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