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OYO : सिम बेचने वाले लड़के ने खड़ी कर दी यूं बनाई हजारों करोड़ की कंपनी

Tina surana. jaipur

गुड़गांव के होटल का एक कमरा. कमरे में लगभग उन्नीस-बीस साल का एक नौजवान हाथ में वाइपर लिए खड़ा है. होटल में एक कपल घुसता है. नौजवान को खड़ा देख चौंकता है. थोड़ी कोफ्त भी होती है. खास हरियाणवी अंदाज में वे कहते हैं- अबे! बाहर निकल हमें कुछ करना है. नौजवान कहता है- सॉरी सर. और धीरे से निकल जाता है. शाम को एक और कपल आता है. महिला की गोद में एक बच्चा है जो लगातार रोए जा रहा है. चुप न होते देख महिला बच्चे को उस नौजवान को थमा देती है. थोड़ी देर में बच्चा चुप हो जाता है. कपल खुश हो कर उस लड़के को 50 रुपये की टिप पकड़ाता है. दूसरे दिन एक छोटा परिवार इस होटल में आता है. कमरे की साफ-सफाई को लेकर इस नौजवान की मुस्तैदी देख कर उसे अपने घर में हाउसकीपिंग की जॉब ऑफर करता है.

स्टार्ट-अप की दुनिया का बना बेताज बादशाह

रितेश अग्रवाल नाम के जिस कॉलेज ड्रॉपआउट को यह नौकरी ऑफर की जा रही थी, वह आज स्टार्ट-अप की दुनिया का बेताज बादशाह बन चुका है. और उसकी कंपनी OYO आज देश की सबसे बड़ी होटल चेन बन चुकी है. रितेश की इस कंपनी में दुनिया के कुछ बड़े इनवेस्टर 1 अरब डॉलर लगाने जा रहे हैं और यह सौदा हो गया तो OYO फ्लिपकार्ट, पेटीएम और ओला के सात ही चौथा बड़ा स्टार्ट कंपनी बन जाएगी. और रितेश अग्रवाल 28 हजार करोड़ के साम्राज्य के मालिक हो जाएंगे.

आज भारत में OYO के एक लाख एक हजार कमरे

रितेश को जिन दिनों 50 रुपये की टिप दी गई थी. उन दिनों गुड़गांव में उनके पास सिर्फ एक होटल था. वही होटल के मैनेजर भी थे. ग्राहकों को कमरा भी दिखाने का जिम्मा भी उन्हीं का था और वही हाउसकीपिंग का काम भी करते थे. लेकिन आज पूरे भारत में OYO के एक लाख एक हजार कमरे हैं. भारत के बाद रितेश की कंपनी अब चीन का बाजार कब्जा करने में लगी है हर महीने वहां अपने चेन में 25 हजार कमरे जोड़ रही है.

फिल्मी कहानी की तरह है रितेश अग्रवाल की कामयाबी

सिम कार्ड बेचने वाले ओडिशा के पिछड़े इलाके के मारवाड़ी परिवार के 24 साल का यह नौजवान अद्भुत है. हजारों करोड़ की कंपनी खड़ी करने वाले नौजवान रितेश का यह सफर किसी फिल्मी कहानी सरीखा है. नक्सली गतिविधियों की वजह से  सुर्खियों में रहने वाला ओडिशा के बिस्समकटक कस्बे के इस नौजवान को 13-14 साल की उम्र से ही कुछ अलग करने ललक थी. इंजीनियरिंग परीक्षाओं की कोचिंग के लिए उन्हें जब कोटा भेजा गया तो वहां से वह हर सप्ताह दिल्ली आ जाते थे और अलग-अलग धंधे में हाथ आजमा रहे एंटरप्रेन्योर से मिलते थे.

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यूं दिमाग में आया OYO ROOMS का आइडिया

रितेश को OYO का कॉन्सेप्ट रिश्तेदारों के घरों में रुकने के दौरान आया. रितेश जब उनके यहां आते तो अपने पसंदीदा कार्टून प्रोग्राम देखने के लिए तरस जाते. क्योंकि मेजबान प्रोग्राम टीवी पर कार्यक्रम देखते हुए रिमोट अपने पास ही रखता. यहीं से उनके दिमाग में OYO यानी ON YOUR OWN कमरों का कॉन्सेप्ट आया. होटलों में उन्होंने OYO ROOM के नाम से कमरे लेने शुरू किए और इनमें बेहतरीन साफ-सफाई और सर्विस का ऐसा कल्चर पैदा किया कि देखते-देखते ये खासे लोकप्रिय हो गए. खास कर बजट होटल में ठहरने वाले नौजवानों को बीच. इंटरनेट से कहीं से भी उन्हें बुक किया जा सकता है. लोगों में OYO में ठहरने का अनुभव काफी अच्छा रहा. रितेश का यह स्टार्ट-अप चार-पांच साल में भी बेहद मशहूर हो गया.

2015 में मासायोशी सन ने 630 करोड़ का निवेश किया

2015 में OYO में सॉफ्टबैंक के दिग्गज निवेशक मासायोशी सन ने 630 करोड़ का निवेश किया था. इन तीन-चार साल में OYO ने पूरे भारत में अपनी धाक जमा दी है. अब दुनिया के दिग्गज निवेशक OYO में एक और राउंड निवेश करना चाहते हैं और यह प्रक्रिया पूरी होते ही यह यह 4 अरब डॉलर यानी 28 हजार करोड़ रुपये की कंपनी बन जाएगी.

चीन के बाजार में धाक जमाने की तैयारी

भारत में अपना जलवा कायम करने के बाद OYO अब चीन के बाजार में पांव पसारने की तैयारी कर रहा है. कंपनी अपनी चीन स्ट्रेटजी पर दो-तीन साल से काम कर रही है और  उसने यहां 50 शहरों में 50 हजार कमरे जोड़ लिए हैं. एक और दौर निवेश हासिल करते ही OYO फ्लिपकार्ट, और पेटीएम के बाद सबसे बड़ी स्टार्टअप बन जाएगी. भारत के कारोबारी इतिहास में ऐसी मिसाल अब तक नहीं दिखी थी.

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