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स्टार्टअप को सहारा दे रहे नई तरह के ऐंजल निवेशक

बेंगलूरु : नई पीढ़ी के स्टार्टअप के ऐंजल निवेशकों में आम तौर पर धनाढ्य निवेशक (एचएनआई) या हाल के वर्षों में निवेश बेचकर तगड़ी कमाई करने वाले स्टार्टअप के संस्थापक होते हैं। मगर स्टार्टअप के क्षेत्र में अब ऐंजल निवेशकों का एक नया वर्ग उभरा है। ये हैं स्टार्टअप कंपनियों के मध्यम स्तर के कर्मचारी, जिनके वेतन पैकेज में पिछले कुछ वर्षों खास तौर पर महामारी शुरू होने के बाद खासी तेजी आई है।

माईस्टार्टअपइक्विटी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि 2020 में अकेले इस प्लेटफॉर्म ने करीब 3,000 स्टार्टअप कर्मचारियों को ईसॉप्स पुनर्खरीद से 85 करोड़ रुपये तक का लाभ उठाते देखा है।

इक्विटी प्रबंधन प्लेटफॉर्म ईसॉप डायरेक्ट के अनुसार इस साल समूची स्टार्टअप व्यवस्था के आंकड़े देखें तो जुलाई 2020 से 3,200 करोड़ रुपये के ईसॉप्स की पुनर्खरीद हुई है। टाइगर ग्लोबल के निवेश वाला बीमा-टेक स्टार्टअप प्लम एचक्यू के मुख्य कार्याधिकारी और सह-संस्थापक अभिषेक पोद्दार ने कहा, ‘इस समय इंजीनियरिंग और उत्पाद टीम को 25 से 50 लाख रुपये और उपाध्यक्ष को 50 लाख से 1 करोड़ रुपये के बीच वेतन-भत्ते मिलते हैं। इनमें ईसॉप्स शामिल नहीं हैं जो कंपनी के शेयर का एक फीसदी तक हो सकता है।’ मोटी कमाई करने वाले ये अधिकारी आम तौर पर स्टार्टअप कंपनियों में 2 से 5 लाख रुपये तक का शुरुआती निवेश करते हैं। लेकिन कुछ मामलों में यह 10 लाख रुपये से ज्यादा भी होता है।

स्विगी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनुज राठी ने कहा, ‘कनिष्ठ कर्मचारी भी कई स्टार्टअप में ऐंजल निवेशक बन रहे हैं। अब यह केवल अमीर लोगों का मैदान नहीं रह गया है।’ राठी ने पिछले साल से ऐंजल निवेश शुरू किया है। उन्होंने कहा कि इसे वे शुद्घ रू प से वित्तीय दांव नहीं मानते हैं। राठी ने कहा, ‘मैं खानपान से जुड़ी कंपनियों से दूर रहने का प्रयास करता हूं। इससे मुझसे दूसरे क्षेत्रों के बारे में सीखने में मदद मिली है और यह भी समझ आया है कि क्या सही है और क्या नहीं।’

फैमपे में उत्पाद टीम का नेतृत्व करने वाले बृजेश भारद्वाज ने इस साल अप्रैल में पहली बार ऐंजल निवेश के तौर पर अपना चेक जारी किया था। इसके बाद से उन्होंने पांच और स्टार्टअप में निवेश किया है। उनका निवेश 2 से 3 लाख रुपये के दायरे में है।

उन्होंने कहा, ‘इन स्टार्टअप के लिए मेरा पैसा महत्त्वपूर्ण नहीं है। वे मुझे निवेशक के तौर पर इसलिए चाहते हैं क्योंकि वे मुझे कर्मचारी के तौर पर नियुक्त नहीं कर सकते। मैं उन्हें अपनी कुशलता से मदद कर सकता हूं।’ उन्होंने कहा कि कई स्टार्टअप चलाने वाले ऐंजल निवेशक बन रहे हैं क्योंकि ज्यादा वेतन और ईसॉप पुनर्खरीद से उन्हें अतिरिक्त आय हुई है।

स्विगी के क्लाउड किचन कारोबार में सहायक उपाध्यक्ष नमन गुप्ता ने सहमति जताते हुए कहा कि वेतन पैकेज में बढ़ोतरी से स्टार्टअप चलाने वाले निवेशक बन रहे हैं। उन्होंने 2018 से 2020 के बीच 2 से 3 स्टार्टअप में निवेश किया था लेकिन महामारी शुरू होने के बाद से करीब 10 में निवेश किया है। गुप्ता ने कहा, ‘कोविड लॉकडाउन के कारण सप्ताहांत पर कहीं जा नहीं पाता था। ऐसे में मैंने अपनेे समय का सार्थक उपयोग करने की सोची। मैं नेटफ्लिक्स देखकर शनिवार या रविवार बिताने वालों में नहीं हूं।’ वह सप्ताहांत पर अपने निवेश वाली कंपनियों के साथ कुछ घंटे बिताते हैं और उत्पाद, डिजाइन तथा विकास संबंधी समस्याओं को दूर करने का प्रयास करते हैं।

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