सोमवार, मई 13 2024 | 12:34:32 PM
Breaking News
Home / बाजार / 60 मिनट में कर्ज की पेशकश कर 360 फीसदी तक ब्याज वसूल रही कंपनियां

60 मिनट में कर्ज की पेशकश कर 360 फीसदी तक ब्याज वसूल रही कंपनियां

Tina surana.jaipur

आप कितनी भी बेहतर वित्तीय योजना बना लें लेकिन कर्ज लेने की जरूरत कभी न कभी आपको पड़ ही जाती है। बैंक और गैर-वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) कर्ज के लिए काफी पड़ताल और कवायद के बाद कर्ज देती हैं। इसे अवसर के रूप में देखकर ऑनलाइन कर्ज देने वाली कंपनियां (फिनेटक)  सिर्फ 60 मिनट में कर्ज की पेशकश कर 360 फीसदी तक ब्याज वसूल रही हैं।

आम लोग कर्ज के जाल में फंसते जा रहे

इससे कर्ज मिलना तो आसान हो गया है, लेकिन कर्ज की गिरफ्त में फंसने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। वित्तीय विशषज्ञों का कहना है इससे कंपनियों को तो फायदा हो रहा है लेकिन आम लोग कर्ज के जाल में फंसते जा रहे हैं। आसान सा दिखने वाला यह कर्ज मुसीबत बनता जा रहा है।  पेश है एक रिपोर्ट

यूं कर्ज पर उंची राशि वसूलती हैं कंपनियां

बैंक या एनबीएफसी आपको कर्ज देती हैं तो उनका ब्याज फीसदी के रूप में होता है। लेकिन फिनटेक हर कर्ज पर एक तय राशि ब्याज के रूप में लेती हैं जो ज्यादा महंगा होता है। उदाहरण के लिए एक कंपनी 15 हजार रुपये कर्ज 15 दिन के लिए देती है और 16वें दिन 16,125 रुपये ब्याज समेत वसूलती है। फीसदी के रूप में देखें तो यह 0.5 फीसदी प्रति दिन और 180 फीसदी सालाना हुआ जो बेहद ऊंचा है। इस तरह का कंपनियां जो ब्याज वसूलती हैं उसका दायरा 40 से 360 फीसदी तक है जिसमें वह कई तरह के शुल्क को भी शामिल करती हैं।

ईएमआई का विकल्प नहीं

भारत में क्रेडिटबाजारडॉटकॉम, फोनपरलोनडॉटइन और क्विकरक्रेडिटडॉटइन जैसी 15 से 20 कंपनियां बेहद छोटी अवधि के लिए इस तरह का कर्ज देती हैं जो 15 दिन से एक माह के लिए होता है। वेतन मिलते ही ब्याज समेत पूरी राशि वसूल लेती हैं। इसमें ईएमआई का विकल्प नहीं होता है। यह 500 रुपये से एक लाख रुपये तक कर्ज देती हैं। कर्ज के लिए सबसे पहली योग्यता है कि उम्र कम से कम 21 वर्ष होनी चाहिए।

मुश्किल में फंसे होने से फंस जाते हैं लोग

दस्तावेज के नाम पर पहचान पत्र, पैन कार्ड, आवास का पता और तीन माह के वेतन का विवरण मांगती हैं। आसान होने और किसी बड़ी मुश्किल में फंसे होने की वजह से कई बार लोग इनके आकर्षण में फंस जाते हैं जो बाद में काफी महंगा साबित होता है।

वसूली के लिए मिलती हैं धमकियां

इस तरह की कंपनियों से कर्ज ले चुके कई ग्राहक बेहद परेशान हो चुके हैं। ऐसे लोगों का कहना है कि कर्ज चुकाने में देरी पर फोन पर कई तरह की धमकियां मिलती हैं और घर पर बाउंसर भेजकर जबरन कर्ज वसूली तक की बात कही जाती है।

सस्ते या जल्दी के चक्कर में न फंसें

इन दिनों बैंक या फिनटेक कंपनियों की ओर से लगातार फोन, मैसेज या ई-मेल से सस्ते कर्ज की पेशकश की जा रही है। इसके साथ की पहले से लिए लोन को रीफाइनेंस यानी फिर से पुनर्गठन की सुविधा भी उपलब्ध कराने की बात कही जाती है। कंपनियां इसके तहत एक कर्ज के होते हुए दूसरा कर्ज लेकर पहले को पुनर्गठन की सुविधा देती हैं।

युवा वर्ग तेजी से फंस रहे

बैंक और फिनटेक कंपनियों का इसके पीछे का उद्देश्य अपना कारोबार बढ़ाना है। वित्तीय सलाहकारों का कहना है कि यह एक तरह का जाल है। इसमें युवा वर्ग तेजी से फंस रहे हैं। वह एक के बाद दूसरा कर्ज ले रहे हैं और कर्ज के जाल से निकल नहीं पा रहे हैं।

Check Also

Global gold demand remains strong, hitting record high prices

विश्व में सोने की मांग मजबूत बनी हुई है, रिकॉर्ड-स्तर के ऊँचे मूल्य दर्ज हुए

नई दिल्ली : वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की 2024 की पहली तिमाही की गोल्ड डिमांड ट्रेंड्स …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *