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Industries worth Rs 1.65 lakh crore

उद्योगों को 1.65 लाख करोड़ रुपये की चपत

मुंबई। मोबाइल डिवाइस विनिर्माताओं, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, विमानन कंपनियों, रेस्टोरेंट, वाहन कंपनियों, शीतल पेय कंपनियों और होटलों जैसे उद्योग जगत के एक बड़े हिस्से को महज एक महीने में संयुक्त रूप से 1,65,000 करोड़ रुपये की आमदनी का नुकसान झेलना पड़ा है। इसकी वजह यह है कि अप्रैल में लॉकडाउन के कारण उनकी बिक्री और उत्पादन शून्य या उसके आसपास रहे हैं। इससे वित्त वर्ष 2021 में उनके भविष्य को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा हुई हैं।

मोबाइल विनिर्माताओं को 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान

इंडियन सेल्युलर ऐंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान मोबाइल विनिर्माताओं को 20,000 करोड़ रुपये और पीसी लैपटॉप विनिर्माताओं को करीब 2,500 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। अप्रैल के मध्य में लॉकडाउन को आंशिक रूप से हटाए जाने के बाद सरकार ने शुरुआत में मोबाइल की ऑनलाइन बिक्री को (आवश्यक वस्तु के रूप में) मंजूरी देने का फैसला किया था। मगर इस डर से आदेश वापस ले लिया कि इससे फिजिकल स्टोरों पर असर पड़ेगा, जो अभी बंद रहेंगे। देश में करीब 40 फीसदी मोबाइल ऑनलाइन बिकते हैं, जिसे मद्देनजर रखते हुए यह कदम बहुत नुकसानदेह था। लावा मोबाइल्स के निदेशक हरि ओम राय ने कहा, ‘उत्पादन शुरू होने के बाद भी मांग सामान्य होने में लंबा समय लगेगा।’

विमानन कंपनियों को करीब 8000 करोड़ रुपये का नुकसान

विमानन क्षेत्र में विमानन कंपनियों का कहना है कि घरेलू कंपनियों को अप्रैल में करीब 8,000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। एक प्रमुख विमानन कंपनी के शीर्ष कार्याधिकारी ने कहा, ‘प्रतिकूल असर साफ है। कमाई बिल्कुल नहीं हो रही है। मगर राजस्व में करीब 25 फीसदी हिस्सा रखने वाली वेतन एïवं लीज की तय लागत का भुगतान करना होगा, भले ही कोई कमाई नहीं हुई। ऐसे में केवल यही रास्ता है कि नकदी सुरक्षित रखी जाए, लीज को लेकर फिर बातचीत की जाए और तय लागत घटाई जाएं।’ सायम के अनुमानों के आधार पर वाहन कंपनियों को अप्रैल में 69,000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र को अप्रैल में 22,500 करोड़ रुपये से अधिक राजस्व के नुकसान का अनुमान है।

आईपीएल नहीं होने से टीवी की बिक्री भी नहीं

आईपीएल का समय होने से यह टीवी के लिए भी मांग का अच्छा सीजन है। अप्रैल में टीवी की 20 फीसदी बिक्री (6,000 करोड़ रुपये) होती है। सुपरप्लास्ट्रोनिक्स के सीईओ अवींत सिंह मारवाह ने कहा, ‘मगर यह साल हर तरह से असामान्य है। अप्रैल में लॉकडाउन की वजह से सब कुछ बंद रहा और आईपीएल भी स्थगित हो रहा है।’

फ्रिज-एसी कंपनियों को भी नुकसान

अप्रैल में करीब एक तिहाई फ्रिज की बिक्री (करीब 8,000 करोड़ रुपये) होने का अनुमान था मगर विनिर्माताओं की कोई बिक्री नहीं हुई। वहीं एसी कंपनियों को अप्रैल में बिक्री से 8,500 करोड़ रुपये से अधिक की आमदनी होती है। यह एसी की मांग के लिए अहम महीना होता है क्योंकि तापमान बढऩे लगता है। ब्लू स्टार के के वाइस चेयरमैन और प्रबंध निदेशक वीर आडवाणी ने कहा, ‘हालांकि इस बार अप्रैल में लार्ज चिलर्स से लेकर होम एसी की कोई बिक्री नहीं हो पाई। अब हमारा अनुमान है कि इस साल बाजार 30 फीसदी कम हो जाएगा।’

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