केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव के साथ राजस्थान सरकार के शीर्ष अधिकारियों की मुलाकात
जयपुर। नई दिल्ली में राजस्थान की मुख्य आवासीय आयुक्त और अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह और आवासीय आयुक्त श्री धीरज श्रीवास्तव ने मंगलवार को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव राजीव बंसल और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के शीर्ष अधिकारियों के साथ मुलाकात करके राजस्थान में नागरिक उड्डयन सेवाओं के विस्तार और उनके सुदृढ़ीकरण पर विस्तार से चर्चा की।
बैठक के बाद शुभ्रा सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान में नागरिक उड्डयन सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए इस बार के बजट में एयर ट्रैफिक फ्यूल (एटीएफ) पर वेट को घटाकर 2 परसेंट कर दिया है जिससे एविएशन सेक्टर को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। केंद्रीय उड्डयन सचिव ने राजस्थान सरकार द्वारा वेट 2 प्रतिशत करने के सकारात्मक कदम की सराहना करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्रालय भी राजस्थान में हवाई सेवाओं को मजबूत करने के लिए हर संभव मदद करेगा।
सिंह ने बताया कि बैठक के दौरान जोधपुर, उदयपुर और बाड़मेर के उत्तरलाई एयरपोर्ट के लिए भूमि आवंटन पर भी चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की टीम आगामी बुधवार को उत्तरलाई, बाड़मेर जाएगी जहां पर एयरपोर्ट के लिए आवंटित की गई ज़मीन का जायजा लिया जाएगा तथा आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। राजस्थान सरकार की तरफ से इस टीम से कोऑर्डिनेट करने के लिए आवासीय आयुक्त श्री धीरज श्रीवास्तव मौजूद रहेंगे।
शुभ्रा सिंह ने बताया कि जोधपुर एयरपोर्ट के विस्तार के लिए आवश्यक एनवायरमेंटल क्लीयरेंस मिलने के बाद जरूरी कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी, उन्होंने बताया कि रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के अंतर्गत केंद्रीय मंत्रालय द्वारा फाइनल किए गए 24 इंटरस्टेट रूट में से केवल 2 रूट ही ऑपरेशन में है इसलिए अन्य को भी इसमें शामिल किया जाना चाहिए।
बैठक के बाद धीरज श्रीवास्तव ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सलाह अनुसार राजस्थान सरकार केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय को एविएशन सेक्टर को भी फंड उपलब्ध करवाने के लिए निवेदन करेगी ताकि राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर नागरिक हवाई सेवाओं का विस्तार और सुदृढ़ीकरण किया जा सके। श्री धीरज ने बताया कि राजस्थान सरकार ने इस वर्ष के बजट में जयपुर में राजीव गांधी एवियशन यूनिवर्सिटी खोलने का घोषणा की है जहां पर पायलट ट्रेंनिंग अकैडमी, केबिन अटेंडेंट ट्रेंनिंग, एयरक्राफ्ट मेंटिनेस, इंजीनियरिंग ट्रेंनिंग स्कूल, मेंटिनेस एंड रिपेयर ऑर्गेनाइजेशन के साथ-साथ सिविल एवियशन सेक्टर को राज्य में विस्तारित करने और उसको बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कोर्स संचालित किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि राजस्थान सरकार द्वारा 2000 ड्रोन और उनके लिए पायलट की ट्रेनिंग की व्यवस्था की गई, जिस पर केंद्रीय सचिव ने सलाह दी कि केंद्र सरकार ने भी ड्रोन और उसके पायलट को विशेष तौर पर विकसित करने के लिए ’स्पेशल सेल‘ का गठन किया है जिसमें राज्य सरकार को समन्वय स्थापित करके इस काम को आगे बढ़ाना चाहिए।