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कहीं आपके पैक्ड मसालों में भी एथिलीन ऑक्साइड की खुशबू तो नहीं, जानें क्या है सेहत को नुकसान

एथिलीन ऑक्साइड के संपर्क में आने से पेट और स्तन कैंसर का भी खतरा बढ़ता है, ये कैंसर ऐसे लोगों में ज्यादा होता है जो एथिलीन ऑक्साइड के व्यावसायिक जोखिम से जुड़े काम में लगे होते हैं

Jaipur. हाल ही में दो लोकप्रिय भारतीय मसालों ब्रांडों एमडीएच (MDH) और एवरेस्ट (Everest) की गुणवत्ता सवालों के घेरे में आ गई है। सिंगापुर के हांगकांग के खाद्य नियामक, सेंटर फार फूड सेफ्टी (CFS) इन मसालों की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए कहा था कि इन कंपनियों के मसालों में कीटनाशक एथिलीन ऑक्साइड (Ethylene Oxide) है, जो कैंसर के खतरे को बढ़ाता है। यहां जानें क्या होता है Ethylene Oxide और इसके सेवन से सेहत को क्या नुकसान होता है।

जानें क्या है एथिलीन ऑक्साइड

Ethylene Oxide एक हल्की मीठी गंध वाली ज्वलनशील और रंगहीन गैस है। कमरे के सामान्य तापमान पर Ethylene Oxide की गंध में मिठास वाली गंध आती है। इस गैस का उपयोग कीटनाशक व स्टेरलाइजिंग एजेंट के रूप में किया जाता है। एथिलीन ऑक्साइड शरीर के संपर्क में आने पर डीएनए को नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखता है और इसके कारण लिम्फोमा, ल्यूकेमिया, पेट का कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर जैसी बीमारियां होने की आशंका बढ़ जाती है।

मसालों में एथिलीन ऑक्साइड क्यों?

मसाला उद्योग में कंपनियों अपने मसालों की गंध को तीव्र करने और स्टेरलाइजिंग एजेंट के रूप में काम करने के लिए एथिलीन ऑक्साइड का उपयोग करती है। मसालों को पैक करते समय भी एथिलीन ऑक्साइड का उपयोग किया जाता है, ताकि मसाले ज्यादा समय तक सुरक्षित रहें और खराब न हो, लेकिन ये शरीर के लिए काफी नुकसानदायक होते हैं।

लिम्फोमा व ल्यूकेमिया कैंसर का खतरा

एथिलीन ऑक्साइड के संपर्क में आने से लिम्फोमा और ल्यूकेमिया जैसे कैंसर का खतरा बढ़ता है। ये कैंसर ऐसे लोगों में ज्यादा होता है जो एथिलीन ऑक्साइड के व्यावसायिक जोखिम से जुड़े काम में लगे होते हैं। ऐसे में यदि इसका उपयोग मसालों में किया जाता है तो यह सेहत के लिए काफी ज्यादा घातक हो सकता है। एथिलीन ऑक्साइड के संपर्क में आने से पेट और स्तन कैंसर का भी खतरा बढ़ता है।

अब FSSAI करेगा मसालों की जांच

देश के खाद्य सुरक्षा नियामक भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने देशभर से MDH और एवरेस्ट सहित सभी ब्रांडों के मसालों के पाउडर के नमूने लेने शुरू कर दिए हैं। गौरतलब है कि FSSAI निर्यात किए जाने वाले मसालों की गुणवत्ता को नियंत्रित नहीं करता है। FSSAI स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत काम करता है। सिंगापुर की ओर से आपत्ति जताने के बाद इस मसालों की जांच के लिए सभी खाद्य आयुक्तों को अलर्ट कर दिया गया है। लैब से करीब 20 दिनों में इसकी रिपोर्ट आ जाएगी। फिलहाल हांगकांग के खाद्य नियामक सेंटर फॉर फूड सेफ्टी (CFS) ने इन कंपनियों के उत्पादों को न खरीदने के लिए कहा है।

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