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Adani group expressed inability to acquire three airports at present

अदानी समूह ने तीन एयरपोर्ट के फिलहाल अधिग्रहण में जताई असमर्थता

जयपुर। कोविड-19 महामारी (Covid-19) के कारण उपजी परिस्थितियां सरकार के निजीकरण कार्यक्रम पर कुछ समय के लिए विराम लगा सकती हैं। दरअसल, महामारी के कारण उड्डयन बिजनेस में आई गिरावट को देखते हुए अदानी समूह (Adani group) ने लखनऊ, मंगलूर और अहमदाबाद एयरपोर्ट का अधिग्रहण (acquire three airports) करने में फिलहाल असमर्थता (inability three airports) जताई है। ग्रुप ने एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (Airport authority of India) को पत्र लिखकर कम से कम 6 महीने का समय मांगा है। ग्रुप ने इस बिजनेस की लाभप्रदता का आकलन करने के लिए कंसल्टेंट की भी नियुक्ति की है।

सरकार की निजीकरण योजना को धक्का!

अदानी ग्रुप (Adani group) ने पिछले साल निविदा में इन तीनों एयरपोर्ट का कॉन्ट्रैक्ट हासिल किया था, लेकिन अब इसके कदम से सरकार की निजीकरण योजना को धक्का लग सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitaraman) ने पिछले महीने ही कहा था कि एयरपोर्ट अथॉरिटी (Airport authority) वाराणसी, अमृतसर, भुवनेश्वर, इंदौर, रायपुर और त्रिची एयरपोर्ट के निजीकरण की प्रक्रिया (Airport privatization process) भी शुरू करेगी।

15 फरवरी को समझौते पर दस्तखत किए थे

अदानी समूह (Adani group) ने फरवरी 2019 में छह एयरपोर्ट के लिए कॉन्ट्रैक्ट हासिल किया था। इनमें से लखनऊ, मंगलुरु और अहमदाबाद एयरपोर्ट के लिए इस साल 15 फरवरी को बाध्यकारी समझौते पर दस्तखत किए थे। इस समझौते के अनुसार ग्रुप (Adani group) को 180 दिनों के भीतर एयरपोर्ट का संचालन अपने हाथों में लेना था और बदले में एयरपोर्ट अथॉरिटी को शुरू में 1500 करोड़ रुपए देने थे। कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक अदानी समूह (Adani group) को 50 वर्षों के लिए इन एयरपोर्ट को ऑपरेट करना है।

इन एयरपोर्ट का होना था ऑपरेशन, मैनेजमेंट और डेवलपमेंट

सार्वजनिक निजी साझेदारी (पीपीपी) के आधार पर इन एयरपोर्ट का ऑपरेशन, मैनेजमेंट और डेवलपमेंट किया जाना है। बाकी तीन एयरपोर्ट जयपुर, तिरुवनंतपुरम और गुवाहाटी एयरपोर्ट का मामला कानूनी दांवपेंच में फंसा है। अभी इनके लिए अदानी ग्रुप (Adani group) ने बाध्यकारी समझौता नहीं किया है।

फोर्स मैज्योर क्लॉज के तहत मांगी छूट

इंडस्ट्री के विशेषज्ञों का कहना है कि  महामारी से पहले  के बराबर एयर ट्रैफिक आने में दो साल लग सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक अदानी समूह (Adani group) मौजूदा हालात में उड्डयन क्षेत्र की संभावनाओं को देखते हुए पूरे बिजनेस पर पुनर्विचार करना चाहता है। ग्रुप ने इसके लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति की है। इसलिए एयरपोर्ट अथॉरिटी से 6 महीने का समय मांगा है। इसने फोर्स मैज्योर क्लॉज के तहत छूट मांगी है जिसमें कहा गया है कि अगर परिस्थितियां दोनों पक्ष के नियंत्रण से बाहर हैं, तो अधिग्रहण में देरी हो सकती है।

हर एयरपोर्ट के लिए दिए थे 100 करोड़ रुपए, हो सकते हैं जब्त

हालांकि एयरपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारियों का कहना है कि इस क्लॉज को एकतरफा लागू नहीं किया जा सकता है। सूत्र ने बताया कि अगर एयरपोर्ट अथॉरिटी अदानी समूह (Adani group) के प्रस्ताव को नहीं मानती है तो उसे पुरानी निविदा को रद्द कर नए सिरे से प्रक्रिया शुरू करनी पड़ेगी। अदानी समूह (Adani group) ने प्रत्येक एयरपोर्ट के लिए 100-100 करोड़ रुपए की जो परफॉर्मेंस गारंटी दीहै वह जब्त हो सकती है।

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