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अक्षय पात्र फाउंडेशन ने फर्जी तरीके से लिया डोनेशन

हरे कृष्णा मूवमेंट के तहत अक्षय पात्र के साथ यूरोप टूर बुक कराने वालों से जबरदस्ती लिए 41  हजार रूपए, भक्त बोले ये कैसा दान जो जबरदस्ती लिया गया
जयपुर. देश में स्कूल भोजना परियोजना चलाने वाले अक्षय पात्र फाउंडेशन ने फर्जी तरीके से अपने भक्तों से यूरोप टूर के नाम से डोनेशन लिया गया। मामला राजस्थान के जयपुर शहर का है जहां पर कुछ भक्तों ने अक्षय पात्र फाउंडेशन के साथ यूरोप जाने के लिए टूर बुक कराया। यात्रियों ने इसके लिए दो लाख बीस हजार रूपए जमा कराए परंतु कुछ समय बाद ही अक्षय पात्र फाउंडेशन के प्रतिनिधि की ओर से आए वाट्स अप मैसेज में ये जानकारी दी गई कि 50 सीट्स फूल हो गई है और जल्द ही यात्रियों को उनका पूरा पैसा लौटाया जाएगा। यात्रियों में ही शामिल भक्त अनिता अग्रवाल ने कॉरपोरेट पोस्ट को बताया कि फाउंडेशन के प्रतिनिधि पैसा लौटाने में पहले काफी टालमटोल करते रहे और काफी मैसेज करने के बाद संस्था ने पूरा पैसा नहीं लौटाते हुए मात्र 1 लाख 79  हजार रूपए लौटाए और बाकी का पैसा काट लिया। पूछने पर बताया कि ये यात्रियों की तरफ ये फाउंडेशन को दिया गया डोनेशन है। अग्रवाल ने कहा कि हमने कोई दान नहीं दिया बावजूद भी मनमर्जी करते हुए अक्षय पात्र ने हमारे पैसे काट लिए। अग्रवाल ने बताया कि उन्हें ऐसी कोई रिसिप्ट नहीं दी गई जिसमें किसी ट्रेवल एजेंट ने खर्चें के नाम पर पैसा काटा। दान मन से किया जाता है ये तो जबरदस्ती की गई। अग्रवाल ने ये भी बताया कि उन्हें जानकारी दी गई कि उन्हीं के डोनेशन से फाउंडेशन वल्र्ड टूर करता है। अकेले अग्रवाल ही इस फ्रॉड में नहीं फंसे बल्कि अग्रवाल की तरह ही जयपुर के कई लोग भी इसमें शामिल हुए।

डोनेशन का नियम- फाउंडेशन ने डोनेशन के नाम पर काटे गए 41  हजार रूपए की कोई रिसिप्ट नहीं दी गई जबकि आयकर नियमों के अनुसार भी डोनेशन के लिए लेन-देन करने वालों को रिसिप्ट जारी करनी जरूरी होती है। भक्तों ने किसी तरह का कोई दान नहीं दिया था ये पैसा यूरोप टूर के नाम से जमा कराया गया था।

ये था टूर-यूरोप ट्रिप आइटेनेरी में 10 जून से २२ जून तक यूरोप में विभिन्न जगह घूमना तय था और इसी के लिए यात्रियों ने ये पैसा २२ अप्रेल को जमा कराया था जबकि टूर में नहीं जाने वालों को 6 जून यानि करीबन डेढ़ माह बाद 1,79,000  रूपए लौटाए गए और जबरदस्ती 41  हजार रूपए काट लिए गए।

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