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कीमतों को काबू करने के लिए खाद्य तेलों के आयात शुल्क में कटौती का प्रस्ताव

जयपुर। खाद्य तेलों की कीमतों में चल रही तेजी को रोकने के लिए केंद्र सरकार खाद्य तेलों के आयात शुल्क में कटौती कर सकती है। उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने आशय का प्रस्ताव वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के पास भेजा है। आयातित खाद्य तेलों के शुल्क में पांच से दस फीसदी की कटौती का प्रस्ताव है।

सोया और सनफ्लावर के आयात पर 10 फीसदी ड्यूटी घटाने का प्रस्ताव

खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार  के अनुसार सोया और सनफ्लावर के आयात पर 10 फीसदी और क्रूड पाम तेल के आयात पर 5 फीसदी ड्यूटी घटाने का प्रस्ताव है। मंत्रालय के अनुसार बुधवार को दिल्ली में खुदरा में मूंगफली तेल के भाव 167 रुपये, सरसों तेल के भाव 136 रुपये, सोया रिफाइंड तेल के भाव 122 रुपये, सनफ्लावर तेल के भाव 128 रुपये, पॉम तेल के भाव 108 रुपये प्रति किलो हो गए जबकि पहली अक्टूबर 2019 को दिल्ली में मूंगफली तेल का भाव 162 रुपये, सरसों तेल का 120 रुपये, सोया रिफाइंड तेल का 105 रुपये, सनफ्लावर तेल का 116 रुपये और पॉम तेल का भाव 79 रुपये प्रति किलो था।

क्रुड पाम तेल की कीमतें तीन महीनों में 50 फीसदी तक बढ़ गई

इंडोनेशिया, मलेशिया में पाम तेल की बायोफ्यूल में खपत बढ़ने से भाव हुए तेज विदेशी बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में तेजी आने से घरेलू बाजार में भी खाद्य तेलों की कीमतें तेज बनी हुई हैं। खाद्य तेलों के दिल्ली के कारोबारी हेंमत गुप्ता ने बताया कि पिछले तीन महीने से कीमतों में तेजी बनी हुई थी, हालांकि सप्ताहभर से इनकी कीमतों में चार से पांच रुपये प्रति किलो का मंदा आया है। उन्होंने बताया कि इंडोनेशिया और मलेशिया में पाम तेल की बायोफ्यूल में खपत बढ़ने और उत्पादन अनुमान में कमी आने से आरबीडी पामोलीन और क्रुड पाम तेल की कीमतें पिछले तीन महीनों में घरेलू बाजार में 40 से 50 फीसदी तक बढ़ गई थी।

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