सोमवार , अप्रेल 29 2024 | 12:57:29 AM
Breaking News
Home / राजकाज / जोड़ी ने किया काम, राजस्थान में कांग्रेस की सरकार

जोड़ी ने किया काम, राजस्थान में कांग्रेस की सरकार


जयपुर. राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट की जोड़ी ने कुशलता से काम किया और वनवास काट रही कांग्रेस को राज्याभिषेक की और ले जाते नजर आए। राजस्थान में दोनों को ही मुख्य मंत्री पद का दावेदार समझा जाता है मगर सत्ता हासिल करने की ये होड़ कभी ऐसी कटुता में नहीं बदली कि विरोध कांग्रेस के सियासी सफर में अवरोध बन जाए। कोई तीन माह पहले राज्य के करौली में कांग्रेस की संकल्प रैली में दोनों नेता एक मोटर साइकिल पर सवार होकर निकले। पायलट बाइक चला रहे थे और उनके पीछे बैठ कर हमराह बने अशोक गहलोत। इस पर परिवहन मंत्री यूनुस खान ने मीडिया से कहा वे बगैर हेलमेट के गाड़ी चला कर निकले हैं, इससे जनता में गलत संदेश जाएगा। मगर सियासी पंडित कहते हैं यही वो तस्वीर थी जिसने पार्टी संगठन और आवाम को चुनावों के लिए तैयारी कर रही कांग्रेस में एकजुटता का संदेश दिया। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी इसी तस्वीर से बहुत उत्साहित हुए और एक रैली में कहा जिस दिन गहलोत और पायलट एक मोटर साइकिल पर सवार होकर निकले मैं समझ गया कि कांग्रेस चुनाव जीत गई है। सत्तारूढ़ बीजेपी ने इन दोनों नेताओ के कथित मतभेदों को सतह पर रख कर ये भाव पैदा करने की कोशिश की कि गुटों में बंटी कांग्रेस जनता की सेवा नहीं कर पाएगी लेकिन जनता ने इसे तवज्जो नहीं दी।
बीजेपी साल 2013 में संपन्न विधान सभा चुनावों में प्रचंड बहुमत से जीत कर सत्ता में आई थी वो मोदी लहर का दौर था और बीजेपी ने दो सौ में से 163 सीटें जीत कर कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया था लेकिन जैसी प्रचंड जीत वैसी ही प्रबल अपेक्षाएं फिर कुछ माह बाद ही राज्य में तीन विधान सभा सीटों के लिए उप चुनाव हुए तब मोदी लहर का जोर मंद पडऩे लगा था और कांग्रेस ने इन तीनो सीटों पर जीत हासिल की। प्रेक्षक कहते हैं कि ये संकेत था कि जनता का मोह भंग होने लगा है लेकिन बीजेपी ने इन संकेतो की अनदेखी की। राज्य कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद की हसरत रखने वाले ओर भी नेता थे मगर ये आम धारणा थी कि अगर कांग्रेस को बहुमत मिला तो इन दो नेताओ में से ही किसी एक का राजतिलक होगा। बीजेपी को ये ठीक लगा कि वो कांग्रेस में इस ऊंचे ओहदे को लेकर चल रही खींचतान और होड़ को मुद्दा बनाए। बीजेपी ने कांग्रेस से बार बार पूछा कि वो ये बताए कि उसका मुख्यमंत्री के लिए चेहरा कौन होगा। बीजेपी ने सभाओं में ये कहा भी कि जो पार्टी जनता से अपने भावी नेता का चेहरा छिपा रही है उस पर कैसे भरोसा किया जा सकता है। हालांकि इसका कुछ हद तक मतदाता के मानस पर प्रभाव भी पड़ा मगर यह कांग्रेस को जीत की ओर आगे बढऩे को रोक नहीं सकी। कांग्रेस को अपने चुनाव अभियान में बीजेपी के इस सवाल जवाब देते देखा गया। पायलट और गहलोत दोनों ही ये कहते रहे कि कांग्रेस में कभी चेहरा घोषित करने की परंपरा नहीं रही है। पार्टी नेतृत्व विधायकों से राय कार्यकर्ताओ की चाहत और दूसरे सभी पहलुओं पर विचार के बाद ही नेता का फैसला किया जाएगा। लेकिन बीजेपी के इसे मुद्दा बनाने से कांग्रेस थोड़ी चिंतित दिखी। जवाब में गहलोत ने कहा बीजेपी अपने आंतरिक मतभेदों के चलते 75 दिन तक राज्य इकाई का अध्यक्ष नहीं चुन सकी उसे कांग्रेस पर टिप्पणी करने का क्या अधिकार है। कांग्रेस ने इन पांच सालों में लोक सभा की दो सीटों और विधान सभा की सीटों के लिए हुए उप चुनाव में बीजेपी को करारी मात दी। अगर पायलट इन उप चुनावो में मोर्चा संभाले हुए थे तो गहलोत भी प्रचार के लिए हर सीट पर गए। कांग्रेस ने अनुभव और नूतन नेतृत्व में संतुलन बनाने का प्रयास किया है। हालांकि कांग्रेस में ऐसी आवाजे उठती रही हैं कि पार्टी को साफ साफ कोई एक चेहरा घोषित कर देना चाहिए मगर पार्टी ये जोखिम उठाने से बच गई। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में प्रचार से मुक्त होने के बाद बीजेपी ने अपने दिग्गज नेताओ की फौज राजस्थान में उतार दी। इनमें मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री शिवराज सिंह, छत्तीसगढ़ के मुख्य मंत्री रमन सिंह, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और कई केंद्रीय मंत्री भी थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य में 12 सभाएं संबोधित की जबकि राहुल गांधी नौ स्थानों पर आवाम से मुखातिब हुए। यूपी के मुख्य मंत्री ने कोई दो दर्जन स्थानों पर सभाएं कीं। बीजेपी ने ऐसा करके व्यवस्था विरोधी रुझान को थामने की कोशिश की। कांग्रेस के लिए संभावनाओ से भरा मैदान था क्योंकि कर्मचारी, किसान, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग समय समय पर बीजेपी सरकार के प्रति नाराजगी व्यक्त करते रहे हैं। जानकर कहते हैं कि टिकट वितरण के समय कांग्रेस की आंतरिक गुटबाजी जब बाहर आई तो इससे पार्टी की चुनावी संभावनाओं के लेकर बनी फिजा पर बुरा असर पड़ा।

Check Also

The expansion of new airports will increase the scope of regional flight

राजस्थान में नागरिक उड्डयन सेवाओं के विस्तार और सुदृढ़ीकरण पर हुई विस्तृत चर्चा

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव के साथ राजस्थान सरकार के शीर्ष अधिकारियों की मुलाकात …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *