सोमवार , अप्रेल 29 2024 | 10:11:39 AM
Breaking News
Home / राजकाज / प्रिंट इंडस्ट्री को बचाने के लिए INS ने सरकार से मांगी मदद, नुकसान के दिए आंकड़े
INS seeks help from government to save print industry, given figures of loss

प्रिंट इंडस्ट्री को बचाने के लिए INS ने सरकार से मांगी मदद, नुकसान के दिए आंकड़े

जयपुर। कोरोना वायरस (COVID-19) और लॉकडाउन के कारण पटरी से उतर चुकी अर्थव्यवस्था की चपेट में प्रिंट मीडिया इंडस्ट्री (Print Media Industry) भी आई है। इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी  (Indian Newspaper Society) (आईएनएस) (INS) के मुताबिक, बीते आठ महीनों में अखबारों (Indian Newspapers) को करीब साढे़ 12 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ और कई अखबार तो बंद भी हुए हैं। लिहाजा आईएनएस (INS) ने केंद्र सरकार से न्यूजपेपर इंडस्ट्री (Newspaper Industry) को बिना देरी के राहत पैकेज देने की अपील की है।

कोरोना महामारी के दौरान विज्ञापन आना बिलकुल बंद

आईएनएस अध्यक्ष एल आदिमूलम (INS President L Adimoolam) ने कहा, कोरोना महामारी (Corona pandemic) के दौरान विज्ञापन आना बिलकुल बंद हो गए हैं। वहीं सर्कुलेशन भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इस वजह से यह इंडस्ट्री अभूतपूर्व राजस्व संकट का सामान कर रही है, परिणामस्वरूप कुछ अखबार (Newspaper) तो बंद हो गए हैं, जबकि कई बंद होने की कगार पर पहुंच गए है। वहीं कई संस्करणों को तो अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करना पड़ा। ऐसे में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर अपना अस्तित्व बचाने की बड़ी चुनौती है।

अब तक 12.5 हजार करोड़ रुपए का नुकसान

उन्होंने बताया कि अब तक 12.5 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है और साल के अंत तक यह 16 हजार करोड़ पहुंचने के आसार हैं। उन्होंने अपनी महीनों पुरानी मांग को दोहराते हुए सरकार से अखबारों (Newspaper) की वित्तीय मुसीबतों की सुध लेने और अखबारों (Newspaper) के लिए राहत पैकेज की घोषणा (newspaper relief package announced) करने की मांग की है। उन्होंने कहा, अखबारों (Newspaper) से देश में 30 लाख कामगारों के घर चल रहे हैं। ऐसे में अगर सरकार जल्द राहत पैकेज नहीं देती तो कई लाख घरों पर आजीविका का संकट खड़ा हो जाएगा।

सरकारी विज्ञापन की दरों में 50 फीसदी की बढ़ोतरी की मांग

पैकेज के तहत मुख्य रूप से सरकारी विज्ञापन की दरों में 50 फीसदी की बढ़ोतरी, प्रिंट मीडिया (Print Media) पर सरकारी खर्च में 200 फीसदी का इजाफा और बीओसी व राज्य सरकारों द्वारा जारी विज्ञापनों के लंबित पड़े बिलों के बकाए का तत्काल भुगतान करने की मांग की गई हैं। साथ ही न्यूजप्रिंट, जीएनपी और एलडब्ल्यूसी पेपर से शेष फीसदी सीमा शुल्क हटाने, दो साल तक कर न जमा करने की छूट की भी बात कही गई है।

कोरोना के कहर से नहीं बच सके दुनियाभर के 500 पत्रकार, जानें, भारत का हाल

Check Also

The expansion of new airports will increase the scope of regional flight

राजस्थान में नागरिक उड्डयन सेवाओं के विस्तार और सुदृढ़ीकरण पर हुई विस्तृत चर्चा

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव के साथ राजस्थान सरकार के शीर्ष अधिकारियों की मुलाकात …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *