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Non-surgical, next generation cryoablation technology - a boon for cancer patients

नॉन-सर्जिकल, नैक्स्ट जनरेशन क्रायोब्लेशन टेक्नॉलॉजी – कैंसर रोगियों के लिए एक वरदान

Delhi: भारत में कैंसर मरीजों के लिए सुकून की खबर है, क्योंकि उनके लिए आ गई है क्रायोब्लेशन टेक्नॉलॉजी (cryoablation technology)। क्रायोब्लेशन एक मिनिमली इन्वेज़िव इमेज गाईडेड (अल्ट्रासाउंड या सीटी स्कैन) उपचार है, जिसमें ट्यूमर के क्षेत्र में स्थित बीमारी के टिश्यूज़ को फ्रीज़ और नष्ट करने के लिए अत्यधिक कम तापमान की ठंडक का उपयोग किया जाता है। यह टेक्नॉलॉजी इज़रायली कंपनी, आईसक्योर मेडिकल द्वारा दी गई है। इसका फ्लैगशिप उत्पाद, प्रोसेंस ट्यूमर को बहुत कम दर्द के साथ तेजी से फ्रीज़ कर देता है। सर्वाधिक फ्रीज़िंग, सुरक्षा और प्रभावी इलाज के लिए इस तकनीक में लिक्विड नाईट्रोजन (एलएन2) का उपयोग किया जाता है। भारत में आईसक्योर मेडिकल के अधिकृत वितरक नोवोमेड इन्कॉर्पोरेशन प्राईवेट लिमिटेड हैं।

क्रायोप्रोब को बीमारी वाले हिस्से में डाला जाता

क्रायोब्लेशन के दौरान एक पतली सुई जैसी प्रोब, जिसे क्रायोप्रोब कहा जाता है, को बीमारी वाले हिस्से में डाला जाता है। इस क्रायोप्रोब में लिक्विड नाईट्रोजन कूलैंट का काम करती है, जो आस-पास के टिश्यूज़ को तेजी से ठंडा कर देती है। जैसे ही टिश्यू फ्रीज़ हो जाते हैं, उनमें आईस क्रिस्टल बन जाते हैं, जो कोशिका को नष्ट कर देते हैं। इस प्रकार अत्यधिक ठंडा तापमान असामान्य कोशिकाओं को फ्रीज़ करके नष्ट कर देता है।

मरीज के ठीक होने में कम समय लगता

इलाज की अन्य विधियों के मुकाबले क्रायोब्लेशन के अनेक फायदे हैं। एक तो यह मिनिमली इन्वेज़िव प्रक्रिया है, यानि इस प्रक्रिया में बहुत छोटा सा चीरा लगाया या फिर सुई से छेद किया जाता है, जिससे शरीर को कम नुकसान होता है, और ओपन सर्जरी के मुकाबले मरीज के ठीक होने में कम समय लगता है। दूसरा यह प्रक्रिया लोकल एनेस्थेसिया देकर की जा सकती है, और कई मामलों में जनरल एनेस्थेसिया की जरूरत नहीं पड़ती। इसके अलावा, क्रायोब्लेशन ज्यादा सटीक है, जिसमें केवल असामान्य टिश्यूज़ का केंद्रित इलाज होता है, तथा आस-पास के स्वस्थ टिश्यू सुरक्षित रहते हैं। ज्यादातर मामलों में अस्पताल में भर्ती होने की भी जरूरत नहीं होती है।

क्रायोब्लेशन का विशेष प्रयोग उस स्थिति पर निर्भर होता है, जिसका इलाज किया जा रहा है। इसका उपयोग आम तौर से सौम्य या कैंसर के घातक ट्यूमर के लिए किया जाता है, जिसमें स्तन कैंसर, किडनी कैंसर, लिवर कैंसर, फेफड़ों का कैंसर, हड्डियों, सॉफ्ट टिश्यू और अन्य तरह के ट्यूमर शामिल होते हैं।

कुछ सालों में यह तकनीक काफी लोकप्रिय हो गई

श्रीगंगा राम हॉस्पिटल में कंसल्टैंट इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट डॉ. अजीत यादव (Dr. Ajit Yadav Consultant Interventional Radiologist in Sriganga Ram Hospital) ने कहा, ‘‘क्रायोब्लेशन एक मिनिमली इन्वेज़िव तकनीक है, जिसमें अत्यधिक ठंडक की मदद से असामान्य टिश्यूज़, जैसे ट्यूमर या असामान्य कोशिकाओं को फ्रीज़ करके नष्ट कर दिया जाता है। पिछले कुछ सालों में यह तकनीक काफी लोकप्रिय हो गई है और विभिन्न प्रकार के ट्यूमर्स को निकालने के लिए इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट्स के लिए एक महत्वपूर्ण टूल बन गई है। क्रायोब्लेशन का एक महत्वपूर्ण फायदा यह है कि यह तकनीक लक्ष्य पर केंद्रित व सटीक है और आस-पास के स्वस्थ टिश्यू को सुरक्षित रखते हुए केवल असामान्य टिश्यू को नष्ट करती है। जब ट्यूमर किसी महत्वपूर्ण अंग, जैसे रक्तवाहिनियों, नसों या महत्वपूर्ण आंतरिक अंगों के नज़दीक हो, जो इलाज में इस स्तर की शुद्धता होना बहुत जरूरी है। क्रायोब्लेशन उन मरीजों को ऐसा नॉन-सर्जिकल विकल्प प्रदान करता है, जो पारंपरिक सर्जरी कराने के लिए उपयुक्त नहीं हैं, और कम इन्वेज़िव इलाज कराना चाहते हैं। क्रायोब्लेशन का दूसरा फायदा इसका बहुआयामी उपयोग है। इसे शरीर के विभिन्न हिस्सों, जैसे लिवर, किडनी, फेफड़ों, प्रोस्टेट, स्तन और हड्डियों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसलिए इस विधि द्वारा इंटरवेंशनल एक ही तकनीक से अनेक बीमारियों का इलाज कर सकते हैं। क्रायोब्लेशन ने छोटे रीनल ट्यूमर, लिवर ट्यूमर, और शुरुआती चरण के स्तन कैंसर जैसी कई बीमारियों के लिए बहुत ही उत्तम परिणाम प्रदर्शित किए हैं। इसके अलावा, क्रायोब्लेशन तुलनात्मक रूप से ज्यादा सुरक्षित प्रक्रिया है, जिसमें जटिलताएं बहुत कम हैं। प्रक्रिया के दौरान इमेजिंग गाईडेंस जैसे अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, या एमआरआई द्वारा क्रायोब्लेशन प्रोब बिल्कुल सही जगह स्थापित होती हैं, और मरीज की सुरक्षा बढ़ती है। इसमें रिकवरी का समय भी पारंपरिक सर्जरी के मुकाबले कम है, और यह प्रक्रिया आउटपेशेंट आधार पर भी की जा सकती है, जिससे अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ती और स्वास्थ्य सेवा के खर्च में भी कमी आती है।’’
क्रायोब्लेशन थेरेपी हाल ही में कोवई मेडिकल सेंटर, कोयम्बटूर में भी शुरू की गई थी। नोवोमेड इनकॉर्पोरेशन प्राईवेट लिमिटेड के डायरेक्टर-सेल्स, जय मेहता ने कहा, ‘‘हम भारत में यह अत्याधुनिक और क्रांतिकारी तकनीक उपलब्ध कराके बहुत खुश हैं। भारतीयों को इस तकनीक का सर्वाधिक लाभ मिलेगा और वो कैंसर की कोशिकाओं को वहीं के वहीं फ्रीज़ करके नष्ट कर सकेंगे।’’

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