मंगलवार, मई 14 2024 | 02:07:27 AM
Breaking News
Home / कृषि-जिंस / चना, अरहर और मक्का किसानों को नहीं मिल रहा समर्थन मूल्य, सरकारी खरीद नाममात्र की
Gram, arhar and maize farmers are not getting support price, government procurement nominal

चना, अरहर और मक्का किसानों को नहीं मिल रहा समर्थन मूल्य, सरकारी खरीद नाममात्र की

जयपुर। मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत दलहन और तिलहन की खरीद सीमित मात्रा (government procurement nominal) में होने के कारण किसानों (farmers) को चना, अरहर, मक्का और सरसों (Gram, arhar and maize) न्यूनतम समर्थन मूल्य (support price) (एमएसपी) से 300 से 1,075 रुपये प्रति क्विंटल तक नीचे भाव पर बेचनी पड़ रही है।

 कुल उत्पादन का 25 फीसदी खरीदती है केंद्र सरकार

केंद्र सरकार पीएसएस के तहत दलहन और तिलहन की खरीद कुल उत्पादन का 25 फीसदी तक करती है। नेफेड अरहर, चना और सरसों (Gram, arhar and maize) की खरीद कर भी रही है, लेकिन कुल उत्पादन के मुकाबले खरीद नाममात्र (procurement nominal) की ही हो रही है। इस कारण किसानों (farmers) को मजबूरन अपनी उपज समर्थन मूल्य से नीचे भाव पर बेचनी पड़ी रही है।

पीएसएस के तहत दैनिक खरीद की सीमा बढ़ाई

नेफेड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पीएसएस के तहत उत्पादक राज्यों की मंडियों से 9.03 लाख टन चना, 5.05 लाख टन अरहर और 6.32 लाख टन सरसों की खरीद हुई है। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस को देखते हुए, रबी फसलों के लिए पीएसएस के तहत दैनिक खरीद की सीमा 25 क्विंटल से बढ़ाकर 40 क्विंटल प्रतिदिन कर दी गई है।

चना—सरसों की खरीद इन राज्यों से हो रही

चना की खरीद आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश और हरियाणा से की जा रही है जबकि अरहर की खरीद तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, गुजरात और ओडिशा से की गई है। सरसों की खरीद राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात और हरियाणा से की गई है। मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में किसानों से पीएसएस योजना के तहत चना, मसूर और सरसों की खरीद की समय सीमा को 30 मई से बढ़ाकर 10 जून करने का फैसला लिया है।

पीएसएस योजना के तहत तय मात्रा 25 फीसदी के मुकाबले खरीद कम

कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू रबी में चना की पैदावार 109 लाख टन होने का अनुमान है जबकि अभी तक खरीद हुई है केवल 9.03 लाख टन की, यानि कुल उत्पादन का केवल 8.29 फीसदी। इसी तरह अरहर के उत्पादन का अनुमान 35.5 लाख टन का है जबकि खरीद हुई है केवल 5.05 लाख टन की जो कुल उत्पादन का केवल 13.47 फीसदी ही है। सरसों की समर्थन मूल्य पर खरीद हुई है 6.32 लाख टन की जबकि उत्पादन अनुमान है 87.03 लाख टन का। कुल उत्पादन की केवल 7.27 फीसदी सरसों की खरीद ही अभी तक हो पाई है। मक्का की समर्थन मूल्य पर खरीद हो नहीं हो रही है जबकि मक्का के उत्पादन का अनुमान चालू रबी सीजन में 88 लाख टन का है।

उत्पादक मंडियों में चना, सरसों, अरहर और मक्का के दाम एमएसपी से नीचे

कर्नाटक की गुलबर्गा मंडी के अरहर कारोबारी चंद्रशेखर एस नादर ने बताया कि मंडी में अरहर का भाव 4,900 से 5,100 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2019-20 के लिए अरहर का समर्थन मूल्य 5,800 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है।

मंडियों में समर्थन मूल्य से कम हैं दरें

राजस्थान की कोटा मंडी के दलहन व्यापारी भानू जैन ने बताया मंडी में चना के भाव 3,800 से 4,000 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि केंद्र सरकार ने चना का समर्थन मूल्य 4,875 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। सरसों के भाव उत्पाद मंडियों में 4,000 से 4,150 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि सरसों का समर्थन मूल्य 4,425 रुपये प्रति क्विंटल है। मक्का का समर्थन मूल्य 1,760 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि बिहार की मंडियों में मक्का के भाव 1,100 से 1,200 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं।

Check Also

Grant up to 50 percent of the cost of plant protection chemicals to farmers for pest control - Agriculture Minister

कीट नियंत्रण के लिए कृषकों को पौध सरंक्षण रसायन पर लागत का 50 प्रतिशत तक अनुदान —कृषि मंत्री

खरीफ फसलों में फड़का कीट लगने की संभावना – कृषि मंत्री ने अधिकारियों को दिए …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *