आईटीआर फाइलिंग वेबसाइट टैक्स2विन डॉट इन के फाउंडर तथा सीईओ अभिषेक सोनी ने कहा, ‘केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) द्वारा अधिसूचित नई स्कीम आयकर रिटर्न की छानबीन करने के तरीके को बदलकर रख देगा। इससे पहले, आईटीआर की छानबीन ऑनलाइन तरीके से आयकर अधिकारियों द्वारा की जाती थी। हालांकि, नई स्कीम में असेसमेंट केवल फेसलेस ही नहीं होगा, बल्कि प्रोसिडिंग पीरियड के दौरान करदाता को किसी भी असेसिंग अधिकारी से मिलने नहीं जाना पडे़गा। करदाताओं का आईटीआर की छानबीन स्कीम के तहत स्थापित एक कम्प्यूटराइज्ड रैंडमली सेलेक्टेड रिजनल यूनिट के जरिये की जाएगी।’
ई-असेसमेंट स्कीम 2019 के बारे में आपको इन 10 बातों की जानकारी होनी चाहिए।
- 1. अगर कोई व्यक्ति अपनी आमदनी की जानकारी देने में नाकाम होता है या नुकसान को बहुत बढ़ा-चढ़ाकर पेश करता है, तो करदाता को सेक्शन 143(2) के तहत स्क्रूटनी नोटिस भेजा जाएगा।
- 2. करदाता को नोटिस प्राप्त करने की तिथि से 15 दिनों के भीतर जवाब देना होगा। यह नोटिस ई-फाइलिंग वेबसाइट में करदाता के अकाउंट में इलेक्ट्रॉनिक तरीके से भेजा जाएगा। साथ ही, इसे करदाता के रजिस्टर्ड ई-मेल अड्रेस पर भी भेजा जाएगा। इसके अलावा, अगर करदाता ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के मोबाइल ऐप पर अपना मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड किया है, तो इस पर भी उसे नोटिस मिल जाएगा।
- 3. करदाता को केवल रजिस्टर्ड अकाउंट पर मिले नोटिस या ऑर्डर का ही जवाब देना होगा।
- 4. करदाता को इनकम टैक्स अथॉरिटी, नैशनल ई-असेसमेंट सेंटर या रिजनल ई-असेसमेंट सेंटर्स या स्कीम के तहत स्थापित किसी भी संस्था के समक्ष खुद या अधिकृत प्रतिनिधि के जरिये उपस्थित होने की कोई जरूरत नहीं होगी।
- 5. करदाता तथा आयकर विभाग के बीच तमाम कम्युनिकेशंस इलेक्ट्रॉनिक तरीके से होंगे। यहां तक कि कर विभाग के भीतर इंटरनल कम्युनिकेशं भी इलेक्ट्रॉनिक तरीके से होंगे।
- 6. ई-असेसमेंट स्कीम पूरी तरह ऑटोमेटेड होगी। स्कीम के तहत नैशनल ई-असेसमेंट सेंटर स्क्रूटनी केसेज को एक ऑटोमेटेड अलोकेशन सिस्टम के जरिये किसी भी क्षेत्रीय ई-असेसमेंट केंद्र को भेज सकता है।
- 7. अगर क्षेत्रीय असेसमेट यूनिट को वेरिफिकेशन यूनिट से सहायता की जरूरत होगी या टेक्निकल यूनिट से तकनीकी सहायता की जरूरत होगी तो इस तरह के आवेदनों का निपटारा भी ऑटोमेटेड अलोकेशन सिस्टम के जरिये होगा।
- 8. अगर रिजनल असेसमेंट यूनिट को करदाता से और डॉक्युमेंट्स की जरूरत होगी तो इसके लिए पहले नैशनल ई-असेसमेंट सेंटर से आवेदन करना होगा।
- 9. रिजनल असेसमेंट यूनिट एक ड्रॉफ्ट असेसमेंट ऑर्डर तैयार करेगा और इसे नैशनल ई-असेसमेंट सेंटर को भेजेगा।
- 10. नैशनल ई-असेसमेंट सेंटर रिस्क मैनेजमेंट स्ट्रेटेजी के अनुसार ड्राफ्ट की समीक्षा करेगा।