शुक्रवार , अप्रेल 26 2024 | 08:09:26 PM
Breaking News
Home / कृषि-जिंस / किसानों के लिए बने रिस्क मैनेजमेंट अथॉरिटी : अशोक दलवई
किसानों के लिए बने रिस्क मैनेजमेंट अथॉरिटी- अशोक दलवई

किसानों के लिए बने रिस्क मैनेजमेंट अथॉरिटी : अशोक दलवई

जयपुर। औद्योगिक और वित्तीय क्षेत्र की तरह भारत के कृषि क्षेत्र में भी सुधारों की जरूरत है। इसमें विदेशी कंपनियों और घरेलू कॉरपोरेट सेक्टर को निवेश की अनुमति दी जानी चाहिए। 1991 में शुरू हुए आर्थिक सुधारों की बदौलत भारत 2.7 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बना है, लेकिन कृषि क्षेत्र अभी तक इन सुधारों से वंचित है। हमें यह नहीं समझना चाहिए कि कृषि क्षेत्र सुधारों के दबाव को नहीं झेल सकेगा। सुधारों के कारण ही हमें आज स्कूटर खरीदने के लिए दो साल का इंतजार नहीं करना पड़ता।  इसी दिशा में हमें रिस्क मैनेजमेंट अथॉरिटी बनाने की भी जरूरत है। किसानों की आय दोगुनी करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई समिति के अध्यक्ष डॉ अशोक दलवई ने शुक्रवार को सेंटर फॉर एग्रीकल्चर पॉलिसी डायलॉग के एक कार्यक्रम में यह बात कही।

कृषि क्षेत्र के लिए लागत कम

दलवई ने कहा कि सरकार का फोकस न केवल उत्पादकता बढ़ाने पर है बल्कि किसानों की कृषि क्षेत्र के लिए लागत कम करने के लिए भी अहम कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह भी जरूरी है कि किसानों की परिभाषा को व्यापक किया जाय। इसी दिशा में पशुपालक और मछली पालकों को भी किसान क्रेडिट कार्ड देने की पहल की गई है। साथ ही इस लक्ष्य को पाने के लिए सरकार ने बजट में 16 बड़े बिंदुओं पर फोकस किया है, जिनको लागू करने पर जोर दिया जा रहा है।

 किसानों की आय बढ़ाने की योजना

खेती में तकनीकी के इस्तेमाल पर दलवई ने कहा कि उसको बढ़ावा देने के भी कदम उठाए जा रहे हैं। किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Yojana) के साथ ही प्रधानमंत्री किसान मान धन योजना (Pradhan Mantri Kisan Maan Dhan Yojana), ई-नाम और स्वयं सहायता समूह तथा एफपीओ के गठन पर जोर दिया जा रहा है।

‘पीएम-किसान’ योजना के तहत अगर आपके खाते में नहीं आए रुपये तो यहां करें शिकायत !

गेहूं, चावल, दलहन और तिलहन की भी खरीद

उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने पीएम आशा योजना के तहत गेहूं और चावल के अलावा दलहन और तिलहन की खरीद भी किसानों से शुरू की है। इस पहल  का ही असर है कि दलहल का उत्पादन रिकार्ड 25 मिलियन टन तक पहुंच गया है। यहीं नहीं न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार की खरीद भी छह साल पहले के 6 फीसदी से बढ़कर अब 25 फीसदी के करीब पहुंच गया है। इन कदमों से निश्चित तौर पर लक्ष्य को हासिल करना आसान होगा। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि सरकार सभी खाद्यान्न एमएसपी पर नहीं खरीद सकती है।

Check Also

Mustard procurement on MSP increased by 10 days, now till July 24

सरसों की एमएसपी पर खरीद 10 दिवस बढ़ी, अब 24 जुलाई तक होगी खरीद

2.44 लाख किसानों से 6.27 लाख मीट्रिक टन सरसों एवं चना की हुई खरीद, 1.73 …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *